COVID-19 के बीच कांग्रेस को पदयात्रा की अनुमति कैसे दी जा सकती है? कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
LiveLaw News Network
12 Jan 2022 3:50 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या उसने कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना शुरू करने की मांग करते हुए 10 दिवसीय पदयात्रा आयोजित करने के लिए कोई उचित अनुमति ली है।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने नागेंद्र प्रसाद एवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राजनीतिक दल को यह भी सूचित करने का निर्देश दिया है कि क्या उक्त रैली में वे अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी उचित कदम उठा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और एसओपी का पालन करने के लिए उनके द्वारा क्या उपाय किए जा रहे हैं और एसओपी के उल्लंघन के मामले में वे क्या कार्रवाई करने का प्रस्ताव करते हैं।
अदालत ने इसके अलावा राज्य सरकार को अगली तारीख (14 जनवरी) को अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है कि कैसे और क्यों रैलियों, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित रैली को जारी रखने की अनुमति दी जा रही है और राज्य के अधिकारियों द्वारा प्रतिवादी की ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए कोई उचित कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
कांग्रेस पार्टी के वकील ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए एस पोन्नान्ना की उपस्थिति के लिए एक दिन के आवास की मांग की।
एडवोकेट श्रीधर प्रभु के माध्यम से दायर जनहित याचिका में राज्य के अधिकारियों को किसी भी राजनीतिक रैलियों, धरने और विरोध की अनुमति नहीं देने और कांग्रेस को COVID- ओमिक्रॉन के बीच पदयात्रा आयोजित करने और जारी रखने से रोकने के लिए आदेश या निर्देश देने की प्रार्थना की गई है।
सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार ने 4 जनवरी के आदेश के तहत पहले ही ऐसी किसी भी रैलियों/धरने या लोगों के इकट्ठा होने वाले प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है।
मंडलायुक्त, रामनगर जिले ने राजनीतिक दल को नोटिस दिनांक 5-1-2022 जारी कर सूचित किया है कि पदयात्रा आयोजित करने की कोई अनुमति नहीं दी गई है और वे ऐसी कोई रैली नहीं करेंगे।