हूच त्रासदी: "ऐसे कृत्यों से समाज विधवा महिलाओं, अनाथ बच्चों से भरा होगा": पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बूटलेगर को जमानत देने से इनकार किया
LiveLaw News Network
5 July 2021 3:20 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक बूटलेगर (शराब का तस्कर) को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि नकली देशी शराब की अवैध आपूर्ति / बिक्री में शामिल लोगों से निपटने के लिए एक कठोर दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति हरनरेश सिंह गिल की पीठ ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि,
"यदि इस तरह के व्यक्तियों को जमानत पर रिहा किया जाएगा तो वे समाज की पूरी व्यवस्था को और खराब कर देंगे और ऐसे कृत्यों से समाज विधवा महिलाओं, अनाथ बच्चों और बूढ़े और कमजोर माता-पिता के साथ दुख की कहानियों से भरा होगा।"
न्यायालय अवनाश सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिस पर को अवैध नकली जहरीली शराब की आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप इसका सेवन करने वाले कई लोग या तो मर गए या उन्होंने अपनी दृष्टि खो दी।
याचिकाकर्ता-आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 328, 272 और 120-बी के साथ धारा 326, 109 और 114 आईपीसी (बाद में जोड़ा गया) और पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 की धारा 61 और 63 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही एक और मामले में आईपीसी की धारा 302, 304, 328, 326, 109 और 120-बी, पंजाब आबकारी अधिनियम की धारा 61 और 63 और जहर अधिनियम, 1919 की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
न्यायालय की टिप्पणियां
कोर्ट ने शुरुआत में कहा कि समाज के वंचित वर्गों के लोगों को इसे बेचने के उद्देश्य से नकली देशी शराब तैयार करने के पीछे का तरीका और मेन्स-रिया एक सुविचारित डिजाइन है और वही समाज की जड़ों को खा गया है।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि,
"देश के विभिन्न हिस्सों से हाल के दिनों में रिपोर्ट की गई विभिन्न तरह की जहरीली शराब त्रासदियों की रिपोर्ट से कोई भी आंख बंद नहीं कर सकता है, जिससे समाज के हाशिए के वर्गों के कई लोगों की मौत हो गई है। जैसा कि लोग पदार्थ के आदी हो जाते हैं, इसके तहत पागल हो जाते हैं उक्त शराब के सस्ते होने का लालच, नशे की लटकती हुई घड़ी में उनकी समझदारी की बात कोई नहीं कर सकता। इन असहाय लोगों की यही हालत है, जिसका फायदा याचिकाकर्ता जैसे लोग उठा रहे हैं।"
कोर्ट ने मामले को दूसरे दृष्टिकोण से देखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की तरह आरोपी का लालच निर्दोष और गरीब लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमाना है।
कोर्ट ने यह देखा कि याचिकाकर्ता ने केवल मौद्रिक लाभ के लिए जहरीली शराब के माध्यम से लोगों को मारने की क्रूरता की है। अदालत ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसने दूसरों का सम्मान के साथ जीने का अधिकार छीन लिया है, वह किसी भी प्रकार की उदारता के लायक नहीं है और कठोरता से निपटना होगा।
कोर्ट ने उपरोक्त को देखते हुए कहा कि तत्काल याचिका में कोई मौरिट नहीं है। इसके साथ ही जमानत याचिका खारिज कर दी।
केस का शीर्षक - अवनाश सिंह बनाम पंजाब राज्य