हिजाब विवाद: 5 फरवरी का सरकारी आदेश अल्पसंख्यक गैर सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं, कर्नाटक एजी ने हाईकोर्ट को बताया
LiveLaw News Network
23 Feb 2022 8:36 AM IST
महाधिवक्ता प्रभुलिंग के नवदगी ने मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के समक्ष एक बयान दिया कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश में निर्देश दिया गया है कि सभी सरकारी स्कूलों को सरकारी और निजी स्कूलों के प्रबंधन द्वारा निर्धारित ड्रेस अनिवार्य रूप से अपने स्कूलों में निर्धारित करनी चाहिए। विश्वविद्यालय के कॉलेजों को कॉलेज विकास समिति द्वारा निर्धारित ड्रेस पहननी चाहिए, लेकिन यह आदेश अल्पसंख्यक गैर सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं है।
पूर्ण पीठ ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान प्रबंधन महासंघ द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए महाधिवक्ता की दलील दर्ज की।
आदेश में अदालत ने कहा,
"एजी ने बार-बार बयान दिया है कि सरकार अल्पसंख्यक गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों में किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं कर रही है। उपरोक्त के मद्देनजर, हमारा विचार है कि इस मामले में कुछ भी तय करने की आवश्यकता नहीं है। तदनुसार याचिका का निपटारा किया जाता है।"
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील जी आर मोहन पेश हुए थे और प्रस्तुत किया कि सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक संस्थानों को दिए गए भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत गारंटीकृत अधिकारों को बरकरार रखा है।
याचिका में दावा किया गया है कि 5 फरवरी का सरकारी आदेश, जहां तक सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों का संबंध है, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के विपरीत है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 का भी उल्लंघन है।
याचिका में कर्नाटक शिक्षा अधिनियम, 1983 की धारा 133 (2) के संदर्भ में अधिसूचना दिनांक 05-02-2022 के संचालन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश के माध्यम से प्रार्थना की गई थी क्योंकि इसे राज्य बोर्ड पाठ्यक्रम, आईसीएसई और सीबीएसई सहित गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं किया जा सकता है।
हाल ही में राज्य अल्पसंख्यक कल्याण, हज और वक्फ विभाग द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य में मौलाना आजाद मॉडल अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों सहित अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को भगवा स्कार्फ, हिजाब या कोई धार्मिक प्रतीक नहीं पहनना चाहिए।
सर्कुलर 10 फरवरी को उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश पर भरोसा करता है। आदेश के मुताबिक सभी छात्रों को आगे के आदेश तक कक्षा के भीतर उनके धर्म या आस्था से संबंधित भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब, धार्मिक प्रतीक पहनने से रोक दिया गया है।