हाईकोर्ट ने चल रही ईडी जांच के बीच दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को निलंबित करने की मांग वाली याचिका खारिज की

Brij Nandan

7 July 2022 8:07 AM GMT

  • हाईकोर्ट ने चल रही ईडी जांच के बीच दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को निलंबित करने की मांग वाली याचिका खारिज की

    दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को निलंबित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जो प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में है।

    चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने डॉ नंद किशोर गर्ग द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जो त्रिनगर निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा (तीन बार) के सदस्य रहे हैं।

    याचिका में मंत्रियों के इस्तीफे या निलंबन से संबंधित दिशा-निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है, यदि किसी मंत्री को केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के नियम 10 की अवधि में लोक सेवकों से संबंधित अभ्यास के अनुसार 48 घंटे की निर्धारित समय अवधि से परे गिरफ्तार करके रखा जाता है।

    याचिकाकर्ता के वकील ने मनोज नरूला बनाम भारत संघ और एम. करुणानिधि बनाम भारत संघ के मामलों सहित सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों का उल्लेख किया।

    हालांकि, बेंच याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों से असहमत जताई और मौखिक रूप से इस प्रकार टिप्पणी की,

    "हम अपनी सीमाएं जानते हैं। हमें कानूनों, नियमों और अधिसूचनाओं का पालन करना होगा। हम इससे आगे नहीं जा सकते। हम कानून बनाने वाले नहीं हैं।"

    याचिका एडवोकेट शशांक देव सुधी, दिनेश कुमार डकोरिया, सचिन सेन और अमन के माध्यम से दायर की गई थी।

    याचिका में कहा गया है कि हिरासत में होने के बावजूद जैन गंभीर आरोपों के तहत कथित रूप से आरोपित होने के बावजूद कैबिनेट मंत्री के लाभों और विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं।

    आगे कहा गया है,

    "हिरासत में मंत्री के लिए तरजीही व्यवहार भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और संवैधानिक बेंच के फैसले सहित कई न्यायिक घोषणाओं पर हमला करता है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया था कि माननीय प्रधान मंत्री या मुख्यमंत्री के पास अत्यधिक विवेकाधीन है। कानून के शासन को बनाए रखने की शक्ति और आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को बड़े पैमाने पर जनता के हित में मंत्री बनाया जाना चाहिए।"

    याचिका में आगे कहा गया है कि जैन को न तो निलंबित किया गया है और न ही मुख्यमंत्री की ओर से ऐसा किए जाने का इरादा दिखा है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री जैन को समर्थन और क्लीन चिट दे रहे हैं, जो भारत के संविधान की सर्वोच्चता की शपथ का उल्लंघन है।

    जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई द्वारा वर्ष 2017 में मंत्री और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि फरवरी 2015 से मई 2017 की अवधि के दौरान मंत्री आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। सीबीआई ने तब जैन के खिलाफ दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी।

    केस टाइटल: डॉ नंद किशोर गर्ग बनाम दिल्ली सरकार

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