क्या दिल्ली दंगों के 'हेट स्पीच' भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष किसी कार्यवाही का सब्जेक्ट मैटर हैं? हाईकोर्ट ने पुलिस से स्पष्ट करने को कहा

Brij Nandan

24 Jan 2023 11:30 AM GMT

  • Delhi Riots

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    दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान दिए गए कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए विभिन्न राजनेताओं के खिलाफ एफआईआर की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से स्पष्ट करने को कहा कि क्या दिल्ली दंगों के 'हेट स्पीच' भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष किसी कार्यवाही का सब्जेक्ट मैटर हैं।

    जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश रजत नायर को इस पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया और मामले को 02 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    पीठ ने टिप्पणी की,

    "अगर ये नफरत फैलाने वाले भाषण सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित कार्यवाही में भी विचाराधीन हैं, तो क्या हमारे लिए इसे आगे बढ़ाना उचित होगा?"

    पीठ ने याचिकाकर्ताओं में से एक शेख मुज्तबा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस से यह भी पूछा कि क्या उच्च न्यायालय ने कभी किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा फैक्ट फाइंडिंग जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।

    जस्टिस मृदुल ने कहा,

    “सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा किया है लेकिन क्या हाईकोर्ट ने कभी इसका निर्देश दिया है? सुप्रीम कोर्ट के पास अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियां हैं, जिसका हाईकोर्ट प्रयोग नहीं करता है।”

    सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट से नेताओं के खिलाफ एफआईआर और जांच की मांग करने वाली याचिकाओं में से एक याचिका पर तेजी से तीन महीने के भीतर फैसला करने को कहा था। हालांकि अभी इस मामले में विस्तार से सुनवाई होनी बाकी है।

    गोंजाल्विस ने लंबे समय लंबित कार्यवाही के संबंध में चिंता व्यक्त की। इस पर पीठ ने कहा,

    “इनमें से कोई भी पक्ष जिसे आपने अब पक्षकार बनाया है, जब ये मामले पहली बार सूचीबद्ध किए गए थे। यह देरी अदालत की वजह से नहीं हुई थी। आज फिर हमें बताया गया कि हमारे सामने एक ही याचिका है और अब फिर से बैच क्लब कर दिया गया है। हम जानना चाहते हैं कि क्या ये नफरत भरे भाषण सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विषय हैं।“

    पिछले साल जुलाई में, अदालत ने याचिकाओं के प्रतिवादियों के रूप में विभिन्न राजनीतिक नेताओं और अन्य व्यक्तियों को पक्षकार बनाने के लिए आवेदनों की अनुमति दी थी।

    याचिकाकर्ता शेख मुजतबा द्वारा दायर अभियोग आवेदन में भाजपा के चार नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और अभय वर्मा को पक्षकार बनाने की मांग की गई थी।

    दूसरी ओर, लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर अभियोग आवेदन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनीष सिसोदिया, अमानत उल्लाह खान, अकबरुद्दीन ओवैसी, महमूद प्राचा, हर्ष मंदर, स्वरा भास्कर, उमर खालिद, मौलाना, हमूद रजा और बीजी कोलसे पाटिल सहित विभिन्न व्यक्तियों को पक्षकार बनाने की मांग की गई है।

    केस टाइटल: अजय गौतम बनाम जीएनसीटीडी और अन्य संबंधित याचिकाएं



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