[ज्ञानवापी] वाराणसी कोर्ट ने 11 अक्टूबर तक शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग वाली हिंदू उपासकों की याचिका पर सुनवाई टाली

Brij Nandan

7 Oct 2022 2:46 PM IST

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    ज्ञानवापी

    वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Case) में कथित रूप से पाए गए शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग वाली हिंदू उपासकों की याचिका पर सुनवाई आज टाल दी।

    अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी की दलीलें सुनने के बाद जिला जज एके विश्वेश 11 अक्टूबर को याचिका पर फैसला सुना सकते हैं।

    अदालत ने आज हिंदू उपासकों से दो प्वाइंट्स पर स्पष्टीकरण मांगा,

    1. ज्ञानवापी केस [कथित शिव लिंग] के अंदर मिली संरचना इस सूट संपत्ति का हिस्सा है या नहीं?

    2. क्या अदालत वैज्ञानिक जांच के लिए आयोग गठित कर सकती है?

    हिंदू उपासकों के वकीलों ने स्पष्ट किया कि कथित शिव लिंग सूट / केस संपत्ति का एक हिस्सा है क्योंकि इसकी मूल दलीलों में कहा गया है कि सूट दृश्यमान या अदृश्य देवताओं से संबंधित है और चूंकि कथित शिवलिंग अदालत द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण के दौरान दिखाई दिया था, वही निश्चित रूप से एक सूट संपत्ति होगी।

    यह भी स्पष्ट किया गया कि सीपीसी के आदेश 26 नियम 10ए के तहत न्यायालय को वैज्ञानिक जांच के लिए आयोग गठित करने की शक्ति है।

    अब इन दो प्वाइंट्स पर कोर्ट अंजुमन इस्लामिया कमेटी की दलीलें भी सुनेगी और उसके बाद अपने आदेश सुनाएगी।

    मुख्य मुकदमे में पांच हिंदू महिलाओं (वादी) में से 4 महिलाओं ने कथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।

    एक वादी (राखी सिंह) ने कार्बन डेटिंग की याचिका का विरोध किया था।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि 4 वादी ने सीपीसी के आदेश 26 नियम 10 ए के तहत एक आवेदन दिया था जो न्यायालय को वैज्ञानिक जांच के लिए एक आयोग बनाने की शक्ति प्रदान करता है।

    यह याचिका वाराणसी कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच हिंदू महिलाओं (वादी) द्वारा दायर मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने वाली अंजुमन इस्लामिया मस्जिद समिति की याचिका (आदेश 7 नियम 11 सीपीसी के तहत दायर) को खारिज करने के 10 दिन बाद दायर की गई।

    ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर शिव लिंगकी उपस्थिति के बारे में दावा 16 मई को प्रमुखता से किया गया था जब अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने प्रस्तुत किया था कि सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर उन्हें एक शिवलिंग मिला था। इसके तहत कोर्ट ने संबंधित स्थान/क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया था।

    आदेश के ऑपरेटिव हिस्से में लिखा है,

    "वाराणसी के जिलाधिकारी को आदेश दिया जाता है कि वह उस जगह को तुरंत सील कर दें जहां शिवलिंग पाया जाता है और सील की गई जगह में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित है।"

    कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त और सीआरपीएफ कमांडेंट को भी निर्देश दिया था कि वह सीलबंद जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करें जहां ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण में शिवलिंग कथित तौर पर पाए गए हैं।

    बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान पाए गए शिवलिंग की रक्षा करने के वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन का आदेश मुसलमानों के नमाज अदा करने अधिकार और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए मस्जिद में जाने को प्रतिबंधित नहीं करेगा।

    अप्रैल 2022 में, वाराणसी कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में प्रार्थना करने के लिए पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर याचिकाओं पर परिसर के निरीक्षण का आदेश दिया।

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