‘गुरुद्वारा एक पवित्र स्थान, इसके फंड का दुरुपयोग लोगों की भावनाओं को आहत करता है’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

Brij Nandan

11 Jan 2023 11:20 AM GMT

  • ‘गुरुद्वारा एक पवित्र स्थान, इसके फंड का दुरुपयोग लोगों की भावनाओं को आहत करता है’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला शहर में गुरुद्वारा सिंह सभा के फंड की हेराफेरी के आरोपी व्यक्तियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया।

    कोर्ट ने कहा,

    “गुरुद्वारा एक पवित्र स्थान है और इसके फंड का दुरुपयोग कई लोगों की भावनाओं को आहत करता है।"

    कोर्ट ने देखा कि याचिकाकर्ताओं को राशि वसूलने और जांच को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।

    जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को जमानत देने से एक गलत उदाहरण स्थापित होगा।

    कोर्ट के समक्ष मामला

    कोर्ट याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिकाओं से निपट रहा था, जो गुरुद्वारा सिंह सभा, बरवाला (सिख मंदिर) के सक्षम सदस्य हैं, और गुरुद्वारा की सभी गतिविधियों को करने के लिए जिम्मेदार थे।

    अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार गुरुद्वारा सिंह सभा के नाम से कई एफडीआर थे, जो दिसंबर 2022 में पूर्ण होने वाले थे। हालांकि आरोपी याचिकाकर्ताओं ने आपस में मिलीभगत कर एफडीआर को समय से पहले बंद कर दिया और लगभग 71 लाख रुपये उनके व्यक्तिगत बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया गया और यहां तक कि याचिकाकर्ता संख्या 2 द्वारा संचालित एक निजी कंपनी के खाते में भी पैसे ट्रांसफर किए गए।

    इस प्रकार, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 और 120-B के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

    इस मामले के संबंध में, उन्होंने यह तर्क देते हुए अग्रिम जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा निकाली गई राशि का उपयोग गुरुद्वारे के भवन के निर्माण और मरम्मत कार्य के साथ-साथ गुरुद्वारा समिति की दुकानों के निर्माण के लिए किया गया था।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि गुरुद्वारे के स्वामित्व वाली दुकानों को शिकायतकर्ता के रिश्तेदारों को किराए पर दिया गया था, और वे काफी समय तक किराया नहीं दे सके और वे गुरुद्वारे की संपत्ति हड़पना चाहते हैं, इसलिए उस विवाद का परिणाम वर्तमान एफआईआर है।

    हालांकि, उन्होंने पीठ को सूचित किया कि वे देय राशि या तो इस कोर्ट में या निचली अदालत में जमा करने के लिए तैयार हैं।

    याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने राज्य को नोटिस जारी किया और अपराध की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।

    केस टाइटल - सरजीत सिंह @ सुरजीत सिंह और अन्य बनाम हरियाणा राज्य [CRM-M-60673-2022]

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