गुजरात हाईकोर्ट ने फर्जी पहचान पत्र बनवाने के आरोप में गिरफ्तार रोहिंग्या महिला को जमानत दी
LiveLaw News Network
19 March 2022 12:30 PM IST
गुजरात हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 465, 467, 471, 114 और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 3 और 6 और विदेशी अधिनियम की धारा 13, 14ए(ए) और 14ए(बी) के तहत आरोपी महिला को नियमित जमानत दे दी।
आवेदक ने प्रस्तुत किया कि आरोपों की प्रकृति और आवेदक की भूमिका को देखते हुए यह जमानत पर रिहा होने के लिए उपयुक्त है। वही प्रतिवादी-प्राधिकरण ने जोरदार तर्क दिया कि अपराध की प्रकृति गंभीर है और जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
जस्टिस राजेंद्र सरीन ने संजय चंद्रा बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो [2012 1 एससीसी 40] मामले में निर्धारित कानून को ध्यान में रखते हुए पाया कि आवेदक जुलाई 2020 से तीन बच्चों के साथ जेल में है। इसके अतिरिक्त, जांच समाप्त हो गई है और आरोप पत्र दायर किया गया। दस्तावेज़ जालसाजी होने का कोई आरोप नहीं लगाया जा सका। इसके अलावा, आवेदक स्थानीय निवासी है और वह भाग नहीं सकती।
तदनुसार, उसे निम्नलिखित शर्तों के साथ स्थानीय जमानत के साथ 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया गया:
1. उसे स्वतंत्रता का अनुचित लाभ नहीं उठाना चाहिए या उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए
2. अभियोजन पक्ष के हित के लिए हानिकारक तरीके से कार्य नहीं करना चाहिए
3. पासपोर्ट सरेंडर करना चाहिए
4. सत्र न्यायाधीश की पूर्व अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ना चाहिए
5. जांच अधिकारी (आईओ) को निवास का नवीनतम और स्थायी पता और मोबाइल नंबर प्रस्तुत करना चाहिए।
तदनुसार, बेंच ने आवेदन की अनुमति दी।
केस शीर्षक: रुबीना@रुबी अनवरहुसेन सुन्नी (मुस्लिम) बनाम गुजरात राज्य
केस नंबर: आर/सीआर.एमए/1274/2022
ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें