गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भ धारण करने की इच्छा रखने वाली पत्नी की याचिका पर COVID-19 रोगी के शुक्राणु एकत्र करने के लिए अस्पताल को निर्देश दिए
LiveLaw News Network
22 July 2021 11:22 AM IST
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को वडोदरा के एक अस्पताल को एक गंभीर COVID-19 रोगी के शरीर से सैंपल के संग्रह के लिए IVF / सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART) प्रक्रिया का संचालन करने के निर्देश दिए। दरअसल, पत्नी ने गर्भ धारण की इच्छा जताई है।
इस आशय की एक याचिका दोपहर 2.30 बजे उल्लेख करते हुए दिन के दौरान सर्कुलेट की गई और न्यायमूर्ति आशुतोष जे शास्त्री की खंडपीठ ने पति की स्थिति की असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए याचिका को सर्कुलेट करने की अनुमति दी।
याचिकाकर्ता- पत्नी और COVID रोगी (मृत्यु के कगार पर होने का दावा) के माता-पिता ने IVF/असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने बच्चे को गर्भ धारण करने के लिए उसके शुक्राणु की मांग की।
महिला ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि उसके पति को तीव्र COVID-19 लक्षण के बाद 10 मई, 2021 से वडोदरा स्थित एक अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया और उसकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
यह भी दावा किया कि अब वह ईसीएमओ सपोर्ट पर है क्योंकि उसके फेफड़े ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं और मल्टी ऑर्गन फेलियर होने की संभावना है।
गौरतलब है कि पत्नी आईवीएफ/एआरटी तकनीक के माध्यम से बच्चे को गर्भ धारण करना चाहती है, लेकिन अस्पताल उसके शुक्राण एकत्र की अनुमति नहीं दे रहा है क्योंकि उसके पति की कोई लिखित सहमति नहीं है और इस तरह अस्पताल प्रशासन ने अदालत के आदेश की मांग की।
अदालत ने इस प्रकार 23 जुलाई को जवाब के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए अस्पताल को याचिकाकर्ता के पति के शरीर से सैंपल एकत्र करने के लिए आईवीएफ / एआरटी प्रक्रिया का संचालन करने का निर्देश दिया और उक्त सैंपल को चिकित्सा सलाह के अनुसार उचित स्थान पर संग्रहीत किया जाएगा।
अदालत ने आगे स्पष्ट किया कि यह अंतरिम राहत एक असाधारण तत्काल स्थिति में दी गई है और यह याचिका के परिणाम के अधीन होगी।