आसाराम की सजा निलंबन अवधि में पुलिस सुरक्षा शर्त में संशोधन करेगा गुजरात हाईकोर्ट
Amir Ahmad
1 Dec 2025 2:09 PM IST

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को संकेत दिया कि वह आसाराम की छह महीने की सजा निलंबन अवधि के दौरान उनके आसपास तीन पुलिसकर्मियों की तैनाती संबंधी शर्त में संशोधन करेगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि पुलिस सुरक्षा से जुड़ी शर्त में बदलाव किया जाएगा जबकि बाकी सभी शर्तें यथावत प्रभावी रहेंगी।
गौरतलब है कि छह नवंबर को हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर आसाराम की सजा को छह महीने के लिए निलंबित करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया था। यह सजा वर्ष 2013 के बलात्कार मामले में गांधीनगर की सेशन कोर्ट द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की थी। रिहाई के समय अदालत ने यह शर्त लगाई थी कि उनके आसपास हर समय तीन पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसी शर्त को हटाने या संशोधित किए जाने की मांग को लेकर आसाराम ने आवेदन दिया था। अन्य शर्तों में समूह में अनुयायियों से न मिलने सार्वजनिक सभाओं को संबोधित न करने अपील की सुनवाई में सहयोग करने तथा इलाज से संबंधित चिकित्सा रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश शामिल है।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस इलेश जे. वोरा और जस्टिस आर. टी. वच्छानी की पीठ ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि अनुयायियों से मिलने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर प्रतिबंध वाली शर्तें जारी रहेंगी, किंतु पुलिसकर्मियों की निरंतर उपस्थिति वाली शर्त पर पुनर्विचार किया जाएगा। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि उसका निर्देश है कि पुलिस सुरक्षा की शर्त को जारी रखा जाए।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया, परंतु राजस्थान के जोधपुर स्थित हाईकोर्ट में इस प्रकार की शर्त लागू नहीं की गई। ऐसे में यहां केवल चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा से जुड़ी शर्त को हटाया जाएगा। राज्य सरकार के वकील ने शेष शर्तों के जारी रहने पर सहमति जताई।
सुनवाई के दौरान आसाराम के वकील ने आश्रम में रहने वाले अनुयायियों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि वह अपने पूर्व आदेश की समीक्षा नहीं कर रही है और केवल पुलिस सुरक्षा की शर्त में संशोधन पर निर्णय दे रही है।
राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि यदि अदालत को उचित लगे तो पुलिस सुरक्षा राज्य के खर्च पर उपलब्ध कराई जा सकती है, लेकिन न्यायालय ने दोहराया कि केवल पुलिस सुरक्षा की शर्त में संशोधन किया जाएगा और अन्य सभी शर्तों का कड़ाई से पालन अनिवार्य रहेगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मेडिकल स्थिति को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने भी आसाराम की सजा छह माह के लिए निलंबित कर अंतरिम जमानत दी थी। वहां अदालत ने कहा था कि उनकी हालत अचेत अवस्था जैसी है और जेल में आवश्यक मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। जोधपुर सेशन कोर्ट ने वर्ष 2018 में आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

