सरकारी कर्मचारी को किसी विशेष पद पर ट्रांसफर/पोस्टिंग मांगने का कोई 'निहित अधिकार' नहीं है, भले ही वह पद रिक्त हो: उड़ीसा हाईकोर्ट

Brij Nandan

16 May 2022 8:38 AM IST

  • सरकारी कर्मचारी को किसी विशेष पद पर ट्रांसफर/पोस्टिंग मांगने का कोई निहित अधिकार नहीं है, भले ही वह पद रिक्त हो: उड़ीसा हाईकोर्ट

    Orissa High Court

    उड़ीसा हाईकोर्ट (Orissa High Court) के जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्रही ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी को किसी विशेष पद पर पोस्टिंग की मांग करने का कोई 'निहित अधिकार' नहीं है, भले ही पद रिक्त हो।

    तथ्य

    इस रिट याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता ने कोर्ट से विपक्षी संख्या 4, यानी डीन और प्रिंसिपल, एस.सी.बी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटक को नियमित स्थापना पर उसका निरीक्षण करने का निर्देश देने की मांग की, क्योंकि वे गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर (सुपर स्पेशलिस्ट) के पद के लिए विपरीत पार्टी नंबर 1 यानी ओडिशा लोक सेवा आयोग ('ओपीएससी') द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार सफल हुए थे।

    याचिकाकर्ता के वकील त्रिलोचन पाणिग्रही ने प्रस्तुत किया कि ओपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, एस.सी.बी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटक के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में दो पद खाली पड़े थे। अपेक्षित योग्यता रखने वाले याचिकाकर्ता ने इसके लिए आवेदन किया था। वह 14.02.2021 को अन्य उम्मीदवारों के साथ लिखित परीक्षा में शामिल हुआ।

    उन्होंने सहायक प्रोफेसर (सुपर स्पेशलिस्ट) के पद के लिए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के अनुशासन में सफलता हासिल की।

    पाणिग्रही ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को एम.के.सी.जी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बरहामपुर और एस.सी.बी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटक प्रतिनियुक्ति के आधार पर सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था।

    याचिकाकर्ता की मुख्य शिकायत यह थी कि एस.सी.बी. चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कटक, तथापि, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए परीक्षा प्रक्रिया में सफल उम्मीदवार होने के बावजूद, उन्हें उक्त पद पर नियुक्त नहीं किया गया था।

    इसलिए, उन्होंने कोर्ट से विपरीत पक्षों को निर्देश देने के लिए प्रार्थना की कि उन्हें एस.सी.बी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटक के बजाय एम.के.सी.जी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बरहामपुर नियमित आधार पर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में जारी रखने की अनुमति दी जाए।

    कोर्ट की टिप्पणियां

    रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों को देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि उक्त विज्ञापन में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया था कि एस.सी.बी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटक में दो पोस्ट रिक्त है।

    आगे कहा गया,

    "भले ही रिक्तियां हों, याचिकाकर्ता को ऐसे पदों के लिए दावा करने का कोई निहित अधिकार नहीं है क्योंकि यह सरकार के पूर्ण अधिकार क्षेत्र में है। स्वास्थ्य विभाग उसे एस.सी.बी. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटक में नियुक्त करने के लिए बाध्य नहीं है।"

    तदनुसार, रिट याचिका खारिज कर दी गई।

    केस टाइटल: सूर्यकांत परिदा बनाम ओडिशा लोक सेवा आयोग एंड अन्य।

    केस नंबर: डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 9311 ऑफ 2022

    आदेश दिनांक: 12 मई 2022

    कोरम: जस्टिस एस.के. पाणिग्रही

    याचिकाकर्ता के वकील: त्रिलोचन पाणिग्रही, एडवोकेट

    प्रतिवादियों के लिए वकील: सुमन पटनायक, अतिरिक्त सरकारी वकील

    साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 66

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




    Next Story