'NCERT और CISCE को अनुमोदित पाठ्यपुस्तकों को अपनाने के लिए मजबूर किया गया': पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने CBSE संबद्ध स्कूलों की याचिका पर नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
10 May 2021 5:44 PM IST
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को उस आवेदन पर नोटिस जारी किया है, जो CBSE से संबंधित स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा दायर किया गया था। इसमें यह शिकायत की गई थी कि उन्हें (अन्य निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के साथ) केवल NCERT और CISCE द्वारा स्वीकृत (एप्रुव्ड) पाठ्य सामग्री को लागू करने के लिए कहा जा रहा है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता / NOC को रद्द किया जा सकता है।
इस निर्णय को 'पूरी तरह से गैरकानूनी' करार देते हुए CBSE संबद्ध स्कूल्स एसोसिएशन ने तर्क दिया कि पाठ्यपुस्तकों के मामले में पंजाब राज्य (निदेशक सार्वजनिक निर्देश) का कोई रोल नहीं है, जबकि CBSE के निर्देश इसके विपरीत हैं।
याचिका में कह गया कि यह ध्यान नहीं दिया कि सत्र चल रहा है और मान्यता / एनओसी वापस लेने का खतरा होने की स्थिति में छात्रों को नुकसान होने की संभावना है।
इस पर न्यायमूर्ति सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने पंजाब सरकार और पब्लिक इंस्ट्रक्टर के निदेशक को नोटिस जारी किया।
खंडपीठ ने 9 जुलाई के लिए नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया,
"इस बीच, याचिकाकर्ता के सदस्यों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।"
संबंधित समाचार में, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2019 में शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार के एक सर्कुलर में इसके तहत सभी स्कूलों को SCERT, NCERT और द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों का पालन करने के लिए एक CBSE द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था।
फेडरेशन ऑफ एजुकेशनल पब्लिशर्स इन इंडिया द्वारा उठाए गए कंटेंट की जांच करते हुए अदालत ने कहा कि सर्कुलर में लगाए गए स्टीप्युलेशन में केवल स्कूलों को इन वैधानिक निकायों द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों का पालन करने की आवश्यकता होती है, जिसका स्कूलों द्वारा पालन की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को निर्धारित करने का अधिकार है।
यह याचिकाकर्ताओं द्वारा भी स्वीकार किया गया।
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