'प्रचार के लिए याचिका': मद्रास हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जनहित याचिका दायर करने पर 2 साल का प्रतिबंध
LiveLaw News Network
30 Sep 2021 10:47 AM GMT
![God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2021/02/17/750x450_389287--.jpg)
मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को एक याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की ओर से फरवरी 2021 को सरकारी अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को 59 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के फैसले को चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ता को कोर्ट से पिछली अनुमति प्राप्त किए बिना दो साल के लिए कोई जनहित याचिका याचिका दायर करने से भी रोक दिया गया ।
चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस पीडी ऑदिकेसवालु की पीठ ने शुरू में कहा,
"याचिका पूरी तरह से गलत है और केवल प्रचार के उद्देश्य से दायर की गई है।"
याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी थी कि चूंकि बेरोजगारी बढ़ रही है, इसलिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना उन लोगों के लिए हानिकारक होगा जो सरकारी नौकरी की तलाश में हैं।
हालांकि, कोर्ट ने यह कहते हुए इस तरह की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि याचिका किसी भी विवरण या सामग्री से रहित है, जिससे यह दिखे कि सरकार का निर्णय त्रुटिपूर्ण है।
आगे यह राय दी गई कि नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप करने में न्यायालय आमतौर पर धीमा होता है क्योंकि यह सरकार का विशेषाधिकार है। न्यायालय ने यह भी नोट किया कि इसी तरह की एक याचिका को हाल ही में हाईकोर्ट की एक अन्य पीठ ने आर गोपीनाथ बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में एक ' संक्षिप्त आदेश ' के जरिए खारिज कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि यह सरकार की नीति का मामला है।
अदालत ने मामले का 'तमाशा बनाने' के आरोप में याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया और याचिका को खारिज़ कर दिया।
अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा,
"याचिकाकर्ता इस संबंध में अदालत की पूर्व स्पष्ट अनुमति प्राप्त किए बिना दो साल की अवधि के लिए इस अदालत में कोई जनहित याचिका लाने का हकदार नहीं होगा।"
केस शीर्षक: आर बालमुरलीधरन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य