चारा घोटाला: सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल कैद की सजा सुनाई

LiveLaw News Network

21 Feb 2022 10:30 AM GMT

  • चारा घोटाला: सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल कैद की सजा सुनाई

    रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पांच साल की कैद की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने लालू पर 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

    विशेष सीबीआई न्यायाधीश सीके शशि ने 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव के खिलाफ इस पांचवें चारा घोटाला मामले में उन्हें दोषी ठहराया। इस मामले में साल 1996 में रांची के डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया।

    यादव को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409, 420, 467, 468, 471 आर/डब्ल्यू 120बी और धारा 13(2) के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दोषी ठहराया गया। यादव वर्तमान में रिम्स में भर्ती हैं। सजा की घोषणा होते समय उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही में हिस्सा लिया।

    यादव के खिलाफ चारा घोटाले के मामले 1990 से 1996 तक के हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सीएजी ने समय-समय पर राज्य सरकार को घोटाले से संबंधित जानकारी भेजी थी, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।

    सीबीआई ने इस आशय के दस्तावेज पेश किए कि उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव ने पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि कई सालों तक वे खुद भी राज्य के वित्त मंत्री रहे और उनकी मंजूरी पर ही फर्जी बिल के आधार पर आधार राशि निकाली गई।

    चारा घोटाला के उन पांच मामलों में से यह मामला आखिरी है। इसमें लालू यादव को आरोपी बनाया गया। बाकी चार मामलों में लालू यादव को चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल, दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पांच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार साल की सजा सुनाई गई। चारों मामलों में लालू यादव ने जेल में सजा काटकर पचास प्रतिशत सजा पूरी कर ली है।

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