आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 6बी के तहत बिना नोटिस और सुनवाई का अवसर दिए आवश्यक वस्तुओं को जब्त नहीं किया जा सकता: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
1 April 2022 4:06 PM IST
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने हाल ही में रिट याचिका की अनुमति देते हुए कहा कि आवश्यक वस्तु की जब्ती से पहले वैधानिक नोटिस आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) की धारा 6 बी के तहत अनिवार्य है।
याचिकाकर्ता का मामला यह है कि वे क्रमशः जब्त चावल और लॉरी के मालिक है। याचिकाकर्ता खाद्यान्न का डीलर है और उसने धान खरीदा और उसे चावल में बदल दिया।
जब वह सब्जेक्ट लॉरी के माध्यम से ई-वे बिल के साथ उसे ले जा रहा था, उसे लॉरी के साथ जब्त कर लिया गया और आरोप लगाया गया कि विषय चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) चावल था।
याचिकाकर्ताओं ने सभी आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करके जब्त किए गए चावल को लॉरी के साथ छोड़ने की मांग करते हुए प्रतिवादी के पास एक याचिका दायर की, लेकिन इस पर विचार किए बिना, प्रतिवादी ने सरकार को जब्त किए गए स्टॉक को जब्त करने का आदेश पारित किया।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने रिट याचिका दायर कर 160 बोरी कच्चे चावल को लॉरी के साथ जब्त करने और जब्त स्टॉक को सार्वजनिक नीलामी में निपटाने के निर्देश और याचिकाकर्ता को जब्त लॉरी को मनमाना और अवैध मानते हुए 2,13,750 रुपये जमा करने का निर्देश देने की मांग की।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि जब्त स्टॉक को जब्त करने के आदेश पारित करने से पहले आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 बी के तहत पहले याचिकाकर्ता को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था। धारा 6बी में प्रावधान है कि किसी भी आवश्यक वस्तु पैकेज को जब्त करने का कोई आदेश तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि जिस व्यक्ति से इसे जब्त किया गया है, उसे नोटिस नहीं दिया जाता है और इसके साथ ही सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए।
सरकारी वकील ने प्रस्तुत किया कि जब्ती आदेश पारित करने से पहले याचिकाकर्ता को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था।
यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता को आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 6बी के तहत नोटिस जारी नहीं किया गया था और इस प्रकार, स्टॉक को जब्त करने की कार्यवाही को रद्द कर दिया गया। प्रतिवादियों को निर्देशित किया गया कि वे जब्त किए गए स्टॉक को छोड़ने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता द्वारा दायर आवेदन पर उचित आदेश पारित करें।
केस का शीर्षक: डोमाराजू विनय बनाम आंध्र प्रदेश
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