‘सुनिश्चित करें कि दृष्टिबाधित छात्रों शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण परेशानी न हो’: दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया

Brij Nandan

26 Jan 2023 8:36 AM GMT

  • ‘सुनिश्चित करें कि दृष्टिबाधित छात्रों शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण परेशानी न हो’: दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया

    Delhi High Court

    दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है।

    चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाने चाहिए कि ऐसे स्कूलों में शिक्षकों को चालू शैक्षणिक सत्र समाप्त होने तक जारी रखने की अनुमति दी जाए और छात्रों को शिक्षकों की इसकी अनुपलब्धता के कारण परेशानी न हो।

    अदालत ने कहा,

    "राज्य सरकार के निदेशक (समाज कल्याण) और निदेशक (शिक्षा) को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि परीक्षाएं मार्च के महीने में होने जा रही हैं।"

    अदालत 2018 में नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में उत्तरी दिल्ली के किंग्सवे कैंप में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल फॉर बॉयज़ (ब्लाइंड) में सुविधाओं की कमी और शिक्षण स्टाफ की कमी की जिक्र किया गया है।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि 12 दिसंबर, 2022 को पारित आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार के समाज कल्याण निदेशक यह सुनिश्चित करने में सहयोगी थे कि विशेष रूप से विकलांग बच्चों को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं और अधिकांश मुद्दे जो निदेशक की शक्तियों के भीतर हैं हल किए गए।

    हालांकि, वकील ने प्रार्थना की कि अधिकारियों को शिक्षा विभाग द्वारा विचाराधीन स्कूलों को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया जाए।

    अदालत को सूचित किया गया कि दृष्टिबाधित छात्रों को पढ़ाने के लिए लगभग पांच स्नातकोत्तर शिक्षकों (पीजीटी) को विभिन्न विषयों के लिए तैनात किया गया था। हालांकि, उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा वापस ले लिया गया।

    वकील ने प्रार्थना की कि शिक्षा निदेशक को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाए कि परीक्षा समाप्त होने तक शिक्षकों को स्कूलों में बने रहने की अनुमति दी जाए।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि प्राथमिक विद्यालयों में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए शिक्षकों की कमी है और इसलिए शिक्षा निदेशक को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाए कि ऐसे छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं।

    पीठ ने निर्देश दिया,

    "राज्य सरकार के निदेशक (शिक्षा) को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बने स्कूलों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है और यह सुनिश्चित करें कि शिक्षकों को स्कूलों में तब तक जारी रखने की अनुमति दी जाए जब तक शैक्षणिक सत्र समाप्त न हो जाए और शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण छात्रों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।”

    मामले को सुनवाई के लिए 17 फरवरी को सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने कहा कि उम्मीद है कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के अधिग्रहण की प्रक्रिया संबंधित अधिकारियों द्वारा सुनवाई की अगली तारीख तक पूरी कर ली जाएगी।

    केस टाइटल: नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड बनाम दिल्ली सरकार और अन्य

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें:





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