सर्विस रिकॉर्ड में जन्मतिथि बदलने का कर्मचारी का अनुरोध नौकरी के अंतिम समय में नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
LiveLaw News Network
7 Feb 2020 8:30 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि किसी कर्मचारी के सर्विस रजिस्टर में जो जन्मतिथि दर्ज हो जाती है उसमें नौकरी के अंतिम समय में बदलाव की मांग नहीं मानी जा सकती।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि भले ही यह साबित करने के लिए अच्छे सबूत हों कि रिकॉर्ड में दर्ज जन्मतिथि गलत है तो भी सुधार का दावा अधिकार के तौर पर नहीं किया जा सकता।
इस मामले में, कर्मचारी ने नौकरी शुरू करने की तारीख से 30 साल से अधिक समय के बाद, अपने सेवा रिकॉर्ड में जन्मतिथि सही करने का अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय ने कर्मचारी को राहत दी थी और इसलिए, नियोक्ता कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अपने दावे के समर्थन में कर्मचारी ने 'भारत कोकिंग कोल लिमिटेड एवं अन्य बनाम छोटा बिरसा उरांव (2014) 12 एससीसी 570' मामले में दिये गये फैसले का हवाला दिया था। उक्त निर्णय को स्पष्ट करते हुए बेंच ने कहा :
उस मामले में इस बात का संज्ञान लिया गया था कि 1987 में कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट (iii) के पेज 13 पर अमल शुरू किया गया था और इसके लिए सभी कर्मचारियों को उनके मौजूदा सेवा रिकॉर्ड से युक्त नॉमिनेशन फॉर्म देकर रिकॉर्ड में जारी अनियमितताओं की पहचान करने और उन्हें सुधारने का मौका दिया गया था। उद्धृत मामले में प्रतिवादी (कर्मचारी) को अपनी जन्मतिथि, नियुक्ति की तारीख, पिता के नाम और स्थायी पता में विसंगतियां नजर आयी थी और उसने भी विसंगतियों को दूर करने के लिए उपलब्ध कराये गये मौके का लाभ उठाया था।
कर्मचारी ने गड़बड़ियों को सुधारने की मांग की थी और उसके अनुरूप उसकी अन्य विसंगतियां तो दूर कर दी गयी थी, लेकिन उसकी जन्मतिथि और नियुक्ति की तारीख की विसंगतियां दूर नहीं हो पायी थी और इसके मद्देनजर कर्मचारी ने इस बारे में वाद दायर किया था और राहत की मांग की थी। जिसके बाद उसे राहत प्रदान की गयी थी। हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए बेंच ने 'महाराष्ट्र सरकार एवं अन्य बनाम गोरखनाथ सीताराम काम्बले एवं अन्य (2010) 14 एससीसी 423' का उल्लेख किया और कहा कि नौकरी के अंतिम समय में सर्विस रिकॉर्ड में जन्मतिथि में बदलाव का अनुरोध स्वीकार करने योग्य नहीं है।
केस नाम : भारत कोकिंग कोल लिमिटेड बनाम श्याम किशोर सिंह
केस नं. : सिविल अपील संख्या 1009/2020
कोरम : न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना
वकील : एएसजी के. एम. नटराज (अपीलकर्ता के लिए), एडवोकेट एम शोएब आलम (प्रतिवादियों के लिए)
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