ज्ञानदेव वानखेड़े ने मलिक द्वारा कोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बावजूद मानहानिकारक बयान देने का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
LiveLaw News Network
7 Dec 2021 10:36 AM IST
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल चीफ समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव ने बॉम्बेहाई कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि राकांपा नेता नवाब मलिक कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बावजूद वानखेड़े के खिलाफ मानहानिकारक बयान दे रहे हैं।
समीर के पिता ज्ञानदेव के आवेदन में मानहानि के अतिरिक्त मामले दर्ज कर उचित कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका के मुताबित कथित तौर पर टीवी9 मराठी और सकल को क्रमश: 2 दिसंबर, 2021 और 4 दिसंबर, 2021 को बयान दिए गए थे।
न्यायमूर्ति एसजे कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ इस याचिका पर विचार करेगी।
29 नवंबर को सहमति से पारित एक आदेश में मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ किसी भी कथित मानहानिकारक बयान को तब तक पोस्ट नहीं करने का वचन दिया था जब तक कि एक एकल न्यायाधीश मानहानि के मुकदमे में वानखेड़े के अंतरिम आवेदन का फैसला नहीं करता।
बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वानखेड़े की अपील पर अंतरिम राहत देने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के 22 नवंबर के आदेश को रद्द कर दिया।
ज्ञानदेव ने मुकदमा दायर कर उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए 1.25 करोड़ का हर्जाना भरने की मांग की थी और मलिक या उनकी ओर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को उनके खिलाफ "अपमानजनक" पोस्ट करने से रोकने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति माधव जामदार के उस आदेश के खिलाफ ज्ञानदेव की अपील में सहमति आदेश पारित किया गया था, जिसमें उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार किया गया था।
न्यायमूर्ति जमादार ने मलिक को वानखेड़े के खिलाफ बयान देने से रोकने से इनकार कर दिया।
एकल न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि मलिक ने पोस्ट की जांच नहीं की थी और उनके बयान द्वेष से प्रेरित प्रतीत हो रहे हैं।