डॉक्टरों को पोस्टमॉर्टम, चोट की रिपोर्ट टाइप्ड और सुपाठ्य प्रारूप में तैयार करनी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को सीएमओ को निर्देश जारी करने का आदेश दिया

Avanish Pathak

23 March 2023 12:43 PM GMT

  • डॉक्टरों को पोस्टमॉर्टम, चोट की रिपोर्ट टाइप्ड और सुपाठ्य प्रारूप में तैयार करनी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को सीएमओ को निर्देश जारी करने का आदेश दिया

    Allahabad High Court 

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी करें की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या चोट की रिपोर्ट टाइप प्रारूप में तैयार की जाए, जो सुपाठ्य हो।

    जस्टिस बृजराज सिंह की पीठ ने विश्वनाथ नामक व्यक्ति को जमानत देते हुए यह निर्देश जारी किया जिस पर एक पीड़ित के साथ मारपीट करने का आरोप है, जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उस पर आईपीसी की धारा 323,504,506,304 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    उसने इस आधार पर जमानत की मांग की थी कि मारपीट का आरोप चार अभियुक्तों के खिलाफ लगाया गया है, और मृतक के सिर पर चोट लगी हैं और दो चोटें शरीर के गैर-महत्वपूर्ण हिस्सों पर लगी हैं।

    वकील की ओर से आगे कहा गया कि सभी आरोपियों के खिलाफ सामान्य आरोप लगाया गया था, और एक आरोपी हरीश चंद्र को अदालत ने फरवरी में जमानत दे दी थी।

    अंत में, यह प्रस्तुत किया गया कि उनका मामला सह-आरोपी हरीश चंद्र के मामले के बराबर है और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। मामले में योग्यता और इस तथ्य को देखते हुए कि सह-आरोपी को जमानत दे दी गई है, अदालत ने उसकी जमानत याचिका मंजूर कर ली।

    हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में उल्लिखित चोटें अस्पष्ट थीं, और अभियोजन पक्ष के साथ-साथ आवेदक पक्ष को भी इसे पढ़ने में कठिनाई हुई थी।

    नतीजतन, यह मानते हुए कि भविष्य में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या डॉक्टर द्वारा तैयार की गई चोट की रिपोर्ट टाइप्ड प्रारूप में होनी चाहिए और सुपाठ्य होनी चाहिए, ताकि इसे आसानी से पढ़ा जा सके। कोर्ट ने इस संबंध प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, यूपी सरकार को जिले के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने के लिए कहा।

    इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को निगरानी के लिए दो महीने बाद सूचीबद्ध कर दिया, ताकि यह देखा जा सके कि उसके द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में क्या कार्रवाई की गई है।

    केस टाइटलः विश्वनाथ बनाम यूपी राज्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह, लखनऊ, के माध्यम से [CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. - 3794 of 2023]

    केस साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एबी) 106


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