"पापों के प्रायश्चित के लिए समाज सेवा करें": दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करते हुए महिला का पीछा करने, चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी देने वाले आरोपी- व्यक्ति को निर्देश दिया
LiveLaw News Network
14 Oct 2021 9:42 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला का पीछा करने और उसके चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी देने के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करते हुए उसे अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए एक महीने के लिए समाज सेवा करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने उस व्यक्ति को लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में एक महीने की समाज सेवा करने का निर्देश दिया और आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टीज में 35 हजार रुपया जुर्माने के रूप में जमा करने के लिए कहा।
कोर्ट ने प्राथमिकी को रद्द करते हुए कहा,
"याचिकाकर्ता की उम्र को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता के पास उसके आगे पूरा जीवन है और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई माफी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को न दोहराने के उनके वचन को देखते हुए और दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है, इस न्यायालय की राय है कि वर्तमान कार्यवाही को जारी रखने में कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।"
आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354डी और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उसके खिलाफ आरोप थे कि वह शिकायतकर्ता का पीछा करता था और अगर उसने उससे शादी करने से इनकार किया तो उसके चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी दी थी।
कोर्ट को बताया गया कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से विवाद सुलझा लिया है। कार्यवाही में शामिल हुई शिकायतकर्ता ने अदालत को यह भी बताया कि उस व्यक्ति ने उससे माफी मांगी है। वहीं आरोपी ने कहा कि वह भविष्य में ऐसी हरकत नहीं दोहराएगा।
अदालत ने प्राथमिकी को रद्द कर दिया और कहा,
"याचिकाकर्ता के तथ्यों और आचरण को देखते हुए यह न्यायालय याचिकाकर्ता को उसके पापों का प्रायश्चित करने के लिए कुछ सामाजिक सेवा करने का निर्देश देने के लिए इच्छुक है।"
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि समाज सेवा पूरी होने पर लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से आदेश का अनुपालन दिखाने के लिए एक प्रमाण पत्र दाखिल किया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से किसी भी अनुपस्थिति / चूक या किसी भी दुर्व्यवहार के मामले में इसे तुरंत चिकित्सा अधीक्षक, लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल द्वारा संबंधित एसएचओ को अवगत कराया जाएगा, जो राज्य एएससी को सूचित करेंगे। इसके साथ ही इस न्यायालय के संज्ञान में लाया जाए और इसके बाद आज पारित आदेशों को वापस लिया जा सकता है।
केस का शीर्षक: यश कुमार चौहान बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एंड अन्य