कोर्ट ने आरोपी को क्यों कहा, एम्स के पास प्ले कार्ड लेकर खड़े रहो?

Brij Nandan

14 April 2023 7:37 AM GMT

  • कोर्ट ने आरोपी को क्यों कहा, एम्स के पास प्ले कार्ड लेकर खड़े रहो?

    इलाहाबाद हाईकोर्ट में रोड एक्सीडेंट से जुड़ा एक केस आया। कोर्ट ने घायल साथी को मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग जाने वाले आरोपी को सशर्त जमानत दी। एक्सीडेंट में घायल साथी की मौत हो गई थी।

    कोर्ट ने शर्त रखी कि उसे दिल्ली के एम्स के पास रोजाना 2 घंटे 15 दिन तक प्ले कार्ड लेकर खड़े रहना होगा, जिस पर ‌लिखा होगा 'हेलमेट पहनें- सुरक्षित ड्राइव करें'। रविवार को अवकाश रहेगा। साथ ही उसे 15 हेलमेट भी बांटने होंगे।

    जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने आरोपी को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की मई 2015 की लोगों की सुरक्षा से संबंधित अधिसूचना की 25 कॉपियां बांटने को कहा है। ये कॉपियां उन्हें बांटनी हैं जो बिना हेलमेट पहने एम्स आते हैं।

    आरोपी को 26 अप्रैल को सुबह 10 बजे नई दिल्ली के थाना हौज खास में रिपोर्ट करने को कहा गया है और हौज खास पुलिस स्टेशन के एसएचओ उसे एम्स के गेट नंबर एक के पास तैनात करेगा।

    कोर्ट ने एसएचओ हौजखास से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए अर्जी 23 मई को पेश करने का निर्देश दिया है।

    साथ ही अधीनस्थ अदालत को ट्रायल छह महीने में पूरा करने का भी निर्देश दिया है।

    क्या था पूरा मामला?

    केस के मुताबिक याचिकाकर्ता समेत चार दोस्त दो मोटर साइकिल पर दिल्ली से हरिद्वार जा रहे थे। रास्ते में एक्सिडेंट हुआ। चोटें आईं। गंभीर रूप से घायल साथी को मरणासन्न हालत में छोड़कर तीनों दोस्त भाग गए। पुलिस और परिवार को सूचना तक नहीं दी।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि कि सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। और याचिकाकर्ता सितंबर 2022 से जेल में बंद है। इसे भी जमानत दी जाए। वो जमानत का दुरुपयोग नहीं करेगा। मुकदमे में सहयोग करेगा।

    दूसरी ओर, राज्य की ओर से पेश एजीए ने कहा कि याचिकाकर्ता और सह-आरोपी दोस्त का शव फेंक कर भाग गए क्योंकि वे इलाज नहीं करा सकते थे। ये मामला आईपीसी की धारा 304 के भाग-1 के तहत आएगा।

    कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और कहा- आरोपियों ने लापरवाही की है। दोस्त की मदद करने के बजाय उसे छोड़कर भाग गए। इसलिए आरोपी को आईपीसी की धारा 304 के तहत सजा मिल सकती है। हालांकि 'मौत का कारण बनने के इरादे' के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं है।

    इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी।

    केस टाइटल - शक्ति सिंह बनाम यूपी राज्य

    केस साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एबी) 124

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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