केंद्र ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स 2025 अधिसूचित किए
Amir Ahmad
14 Nov 2025 3:16 PM IST

केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार (13 नवंबर) को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स 2025 अधिसूचित कर दिए। ये नियम डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के तहत बनाए गए और देश में डेटा गोपनीयता ढांचे को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।
नियमों के मसौदे पर सरकार ने इसी वर्ष जनवरी में सार्वजनिक परामर्श आयोजित किया था।
नए नियमों के अनुसार किसी भी बच्चे के व्यक्तिगत डेटा को प्रोसेस करने से पहले डेटा फिड्यूशियरी को उसके अभिभावक की सहमति सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त तकनीकी और संगठनात्मक उपाय अपनाने होंगे।
एक्ट के अनुसार डेटा फिड्यूशियरी वह व्यक्ति या इकाई है, जो अकेले या संयुक्त रूप से व्यक्तिगत डेटा के प्रोसेसिंग के उद्देश्य और साधन तय करती है।
सिग्निफिकेंट डेटा फिड्यूशियरी के लिए सख्त दायित्व
नियमों के तहत सिग्निफिकेंट डेटा फिड्यूशियरी जिन्हें केंद्र सरकार डेटा की मात्रा, संवेदनशीलता, और डेटा प्रिंसिपल के अधिकारों के जोखिम जैसे मानकों के आधार पर अधिसूचित करेगी को हर वर्ष डेटा प्रोटेक्शन इम्पैक्ट असेसमेंट और ऑडिट कराना अनिवार्य होगा।
एक्ट में डेटा प्रिंसिपल उस व्यक्ति को कहा गया, जिसके व्यक्तिगत डेटा से मामला संबंधित है।
डेटा खतरों की स्थिति में तत्काल सूचना देना अनिवार्य
नियम में यह भी प्रावधान है कि किसी भी डेटा खतरों की स्थिति में डेटा फिड्यूशियरी प्रभावित व्यक्तियों और डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया को तुरंत सूचित करेगा।
इस सूचना में उल्लंघन की प्रकृति, उसकी समय-सीमा, संभावित परिणाम और सुरक्षा उपायों का विवरण शामिल होगा।
डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड की संरचना और कार्यप्रणाली
नियमों के अनुसार डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया का गठन सर्च-कम-सेलेक्शन कमेटी द्वारा किया जाएगा जिसके अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होंगे।
बोर्ड पूर्णतः डिजिटल कार्यालय के रूप में काम करेगा और इसके निर्णय बहुमत से लिए जाएंगे।
भारत से बाहर डेटा ट्रांसफर पर नियंत्रण
रूल्स में यह भी कहा गया कि अधिनियम के तहत प्रोसेस किए गए व्यक्तिगत डेटा को भारत से बाहर ट्रांसफर किया जा सकेगा, लेकिन यह केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रतिबंधों के अधीन रहेगा।
इन नियमों के अधिसूचित होने के साथ ही देश में डिजिटल डेटा संरक्षण कानून के क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो गई है जिसके जल्द लागू होने की उम्मीद है।

