मोटर वाहन अधिनियम के तहत डेमो कार पंजीकरण करवाना ज़रूरी, पढ़िए हाईकोर्ट का फैसला

LiveLaw News Network

27 Aug 2019 11:07 AM GMT

  • मोटर वाहन अधिनियम के तहत डेमो कार पंजीकरण करवाना ज़रूरी, पढ़िए हाईकोर्ट का फैसला

    केरल उच्च न्यायालय ने यह माना है कि 'डेमो कार', जो डीलरों द्वारा एक भावी खरीदार को वाहन मॉडल प्रदर्शित करने के लिए रखी जाती हैं, उनको मोटर वाहन अधिनियम के तहत पंजीकरण की आवश्यकता होगी। 'ट्रेड सर्टिफिकेट' का लाभ केवल उन्हीं वाहनों के लिए उपलब्ध है जो ग्राहकों को बिक्री के उद्देश्य से डीलर के कब्जे में हैं, टेस्ट ड्राइव के लिए रखे गए वाहनों को नहीं।

    यह निर्णय न्यायमूर्ति अनिल नरेंद्रन ने केरल ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन और राजश्री मोटर्स (मर्सिडीज बेंज के डीलर) द्वारा दायर उस याचिका को खारिज करते हुए दिया, जो याचिका परिवहन आयुक्त द्वारा सड़क परिवहन अधिकारियों को जारी एक निर्देश के खिलाफ दाखिल की गई थी, जिसमे यह सुनिश्चित किए जाने को कहा गया था कि डीलर के कब्जे वाली डेमो कार पंजीकृत हों।

    आयुक्त के आदेश में यह कहा गया है कि डीलरों द्वारा कई वर्षों तक उपयोग करने के बाद खरीदारों को डेमो कार बेच दी जाती हैं, जिससे राज्य को राजस्व का नुकसान होता है।

    याचिकाकर्ताओं ने यह दलील दी कि 'टेस्ट ड्राइव उद्देश्यों' के लिए उनके द्वारा रखी गई डेमो कारों को अधिनियम की धारा 39 के तहत पंजीकरण से छूट दी गई थी क्योंकि उनके पास केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 33 और 35 के अनुसार 'ट्रेड सर्टिफिकेट' है।

    न्यायालय ने हालांकि यह माना कि 'ट्रेड सर्टिफिकेट' का लाभ केवल उन्हीं वाहनों के लिए उपलब्ध है जो ग्राहकों को बिक्री के उद्देश्य से डीलर के कब्जे में हैं, टेस्ट ड्राइव के लिए रखे गए वाहनों को नहीं।

    जस्टिस नरेंद्रन ने देखा, "ऑटोमोबाइल डीलर द्वारा विशेष नकद छूट पर या अन्यथा खरीदा गया एक 'डेमो वाहन', ग्राहक को बेचे जाने के लिए एक वाहन नहीं है। यह उस डीलर द्वारा 2 साल या 3 साल की अवधि के लिए 'डेमो वाहन' के रूप में उपयोग किए जाने वाला एक वाहन है, और इसे अपने व्यवसाय के दौरान उस डीलर के कब्जे में एक वाहन बोनाफाइड के रूप में नहीं माना जा सकता है, जिसे सीएमवी नियमों के तहत दिए गए व्यापार प्रमाणपत्र के प्राधिकार के तहत किसी भी सार्वजनिक स्थान या किसी अन्य स्थान पर संचालित किया जा सकता हो।"

    बिक्री के लिए एक वाहन, एक ऑटोमोबाइल डीलर के कब्जे में होगा जब तक कि यह एक खरीदार को नहीं बेचा जाता है। केवल ऐसे ही वाहन, MV एक्ट की धारा 39 के 'प्रोविज़ो' जिसे CMV रूल्स के नियम 35, 39, 40 और 41 के साथ पढ़ा जाए, द्वारा कवर किए जाते हैं।"

    अदालत ने रिट याचिका को खारिज करते हुए जोड़ा,

    "ऑटोमोबाइल डीलर द्वारा एक विशेष नकद छूट पर या अन्यथा खरीदा गया एक 'डेमो वाहन', जो ग्राहक को बिक्री के लिए अभिप्रेत नहीं है, उसे स्टॉक सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है, यह प्रकट करने के लिए कि यह अपने व्यवसाय के दौरान डीलर के कब्जे में एक वाहन बोनाफाइड है, जिसे किसी भी सार्वजनिक स्थान या किसी अन्य स्थान पर सीएमवी नियमों के तहत दिए गए व्यापार प्रमाणपत्र के प्राधिकार के तहत चलाया जा सकता है।"



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