दिल्ली दंगों की साजिश का मामला : हाईकोर्ट ने उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 27 जुलाई तक स्थगित की
Sharafat
4 July 2022 6:07 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उमर खालिद, शरजील इमाम और जामिया मिलिया इस्लामिया पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई 27 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। ट्रायल कोर्ट के आदेश को दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था, जिसके खिलाफ अपील दायर की गई हैं।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की एक विशेष पीठ को उमर खालिद के वकील ने सूचित किया कि मामले में उनकी ओर से पेश सीनियर एडवोकेट त्रिदीप पेस फिलहाल कोविड-19 से पीड़ित हैं, जिससे के कारण वे दो सप्ताह बाद सुनवाई का अनुरोध करते हैं।
जैसा कि बेंच का विचार था कि वह पहले उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई समाप्त करेगी, इमाम और रहमान की अपीलों की सुनवाई भी पार्टियों के अनुरोध पर उसी दिन के लिए टाल दी गई।
पीठ ने कहा , पहले हम उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई खत्म करेंगे, फिर हम अन्य आरोपियों की सुनवाई खत्म करेंगे।"
उमर खालिद को शहर की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 24 मार्च को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उसे 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है।
शारजील इमाम की अपील के अनुसार, विशेष अदालत यह मानने में विफल रही कि पूरी जांच दोषपूर्ण है और आरोप पत्र में शरजील के भाषणों को हिंसा की घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जो सामग्री के अनुसार किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से उससे जुड़ी नहीं थीं।
अपील में यह भी कहा गया है कि शरजील को एक ही समय में उसके खिलाफ कई एफआईआर और जांच करने के टारगेट अभियान के तहत जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
यह भी कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट इस बात की सराहना करने में विफल रहा कि प्रथम दृष्टया संतुष्टि के लिए कोई स्वीकार्य सबूत नहीं था कि इमाम सह-आरोपी व्यक्तियों के बीच शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों / चक्काजाम के बीच किसी समझौते का हिस्सा थे।
इमाम के खिलाफ एफआईआर में यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 सहित कड़े आरोप शामिल हैं। इमाम पर भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत उल्लिखित विभिन्न अपराधों का भी आरोप है।