दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट ने दिलबर नेगी मर्डर केस में 6 आरोपियों की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

LiveLaw News Network

4 Jan 2022 8:54 AM GMT

  • दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट ने दिलबर नेगी मर्डर केस में 6 आरोपियों की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में छह आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा।

    आरोप है कि भीड़ ने बर्बरता की और एक मिठाई की दुकान में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप एक 22 वर्षीय लड़का अर्थात् दिलबर नेगी की जलने से मौत हो गई। (एफआईआर 39/2020 पीएस गोकुलपुरी)

    न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता अमित महाजन को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।

    जमानत याचिका मो. ताहिर, शाहरुख, मो. फैजल, मो. शोएब, राशिद और परवेज की ओर से दायर की गई है।

    जमानत याचिकाओं का पुरजोर विरोध करते हुए महाजन ने कहा कि जहां दंगे सुबह शुरू हुए और देर रात तक जारी रहे, यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी व्यक्ति दोपहर में दंगा करने वाली भीड़ का हिस्सा थे और रात के दौरान नहीं।

    आगे कहा,

    "जैसा कि हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आईपीसी की धारा 149 के सिद्धांत को लागू करते हैं, ऐसा नहीं है कि प्रत्येक आरोपी द्वारा निभाई गई भूमिका को कम से कम जमानत अर्जी पर बहस के समय दिखाया जाना चाहिए। यदि हम यह दिखाने के लिए सक्षम हैं कि वे दंगा करने वाली भीड़ का हिस्सा हैं, जो दंगों के लिए जिम्मेदार है, जिसके कारण दिलबर नेगी की मौत हुई, कम से कम जमानत के उद्देश्य से हमें आगे जाने की जरूरत नहीं है।"

    महाजन ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों द्वारा इस बात से भी इनकार नहीं किया गया है कि वे उस दुकान के सामने वीडियो फुटेज में नहीं देखे गए। यह दुकान उस समय जलाई गई थी, जब दंगे हुए थे।

    आगे कहा गया,

    "जो कोई भी भीड़ का हिस्सा था, उसे धारा 149 के तहत जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। जब वे 100 अन्य दंगाइयों के साथ भाग लेते हैं और यदि उन कृत्यों के परिणामस्वरूप मृत्यु हो जाती है तो वे यह नहीं कह सकते कि हमारा इरादा मारने का नहीं था। उनमें से प्रत्येक व्यक्ति जिम्मेदा है।"

    मृतक दिलबर सिंह नेगी अनिल स्वीट कार्नर में वेटर का काम करता था। है। थाना गोकलपुरी में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 201, 436 और 427 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

    प्राथमिकी दर्ज होने के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। मामले की आगे की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई है।

    जांच के दौरान मामले में 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद 4 जून 2020 को चार्जशीट दाखिल की गई।

    सार्वजनिक गवाहों के बयानों के अनुसार, यह कहा गया कि एक दंगा हुआ जहां दंगाइयों ने पथराव किया, हिंदू विरोधी नारे लगाए, कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी और एक इमारत में घुस गए और मृतक को मार डाला, जो वहां छिपा हुआ था और इमारत के साथ-साथ उसके शरीर को भी जला दिया।

    केस का शीर्षक: मो. ताहिर एंड अन्य कनेक्ट जमानत याचिका बनाम राज्य

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