दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के डब्ल्यूसीडी अधिकारी द्वारा कथित तौर पर नाबालिग से बलात्कार का स्वत: संज्ञान लिया

Sharafat

28 Aug 2023 8:27 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के डब्ल्यूसीडी अधिकारी द्वारा कथित तौर पर नाबालिग से बलात्कार का स्वत: संज्ञान लिया

    दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) के एक अधिकारी द्वारा कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लिया।

    प्रेमोदय खाखा पर नाबालिग से कई महीनों तक दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने का आरोप है। आरोपी और उसकी पत्नी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पत्नी पर आरोप है कि उसने नाबालिग बच्ची को गर्भपात की गोलियां दीं।

    मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा कि नाबालिग बच्चे की पहचान सुरक्षित रहे और किसी भी तरह से उजागर न हो।

    दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि पीड़ित बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति, जो वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल में भर्ती है, गंभीर है और उसे कल भी दौरा पड़ा था।

    पीठ ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग से स्टेट रिपोर्ट मांगी है और मामले को 14 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

    राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि संस्था ने घटना का संज्ञान लिया है और वह इस मामले में जवाब भी दाखिल करेगी।

    खाखा और उसकी पत्नी पर भारतीय दंड संहिता और पोस्को अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश के बाद खाखा को उसके पद से निलंबित कर दिया गया।

    दिल्ली पुलिस के अनुसार, 2020 में अपने पिता के निधन के बाद नाबालिग खाखा के आवास पर रह रही थी, जो एक पारिवारिक मित्र था।

    खाखा पर नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच नाबालिग से कई बार बलात्कार करने का आरोप है। खाखा और उसकी पत्नी दोनों को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

    आईपीसी की धारा 376(2)(एफ) (रिश्तेदार, अभिभावक याने शिक्षक होने के नाते, या महिला के प्रति विश्वास या अधिकार की स्थिति में व्यक्ति होने के नाते महिला पर बलात्कार करने का जुर्म ), धारा 509 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य), 506 (आपराधिक धमकी), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।

    केस टाइटल : कोर्ट ऑन इट्स मोशन बनाम महिला एवं बाल विकास विभाग और अन्य।

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