अश्लील और यौन संकेतों वाले पोस्ट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं: गौरव भाटिया के खिलाफ मानहानिपूर्ण पोस्ट हटाने का आदेश
Amir Ahmad
26 Sept 2025 5:06 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट और भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता गौरव भाटिया के खिलाफ सोशल मीडिया पर डाले गए दो मानहानिपूर्ण पोस्ट तत्काल हटाने का आदेश दिया। ये पोस्ट उनके हाल ही में एक टीवी डिबेट में शामिल होने के दौरान वायरल हुए वीडियो पर बनाए गए।
जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि किसी की गरिमा पर अश्लील और यौन संकेतों वाले शब्दों से हमला करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया,
“प्रतिवादी नंबर 1 और 11 द्वारा किए गए पोस्ट इसी श्रेणी में आते हैं और इन्हें किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।”
ये दोनों प्रतिवादी हैं: समाजवादी पार्टी मीडिया सेल और संदीप सिंह।
अदालत ने अन्य प्रतिवादियों के पोस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वे पोस्ट व्यंग्यात्मक, हास्यपूर्ण और अतिशयोक्ति की प्रकृति के हैं।
जस्टिस बंसल ने टिप्पणी की,
“सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्तियों और राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों के लिए मानहानि का पैमाना अधिक ऊंचा होना चाहिए। ऐसे लोग अक्सर जनता की आलोचना के घेरे में रहते हैं और उनके पास मीडिया का मंच भी होता है, जहां वे अपनी सफाई दे सकते हैं। ऐसे में प्रतिवादियों को अपना पक्ष रखने और 'फेयर कमेंट' का बचाव पेश करने का अवसर मिलना चाहिए।”
इस मामले में अन्य प्रतिवादियों में पत्रकार अभिसार शर्मा, कांग्रेस नेता रागिनी नायक, आप नेता सौरभ भारद्वाज, और कई सोशल मीडिया अकाउंट जैसे रोफल गांधी, बोलता हिंदुस्तान, मोहित चौहान, रेंटिंग गोला, मनोज यादव आदि शामिल हैं। साथ ही, न्यूज़लॉन्ड्री, न्यूज़ 18, यूट्यूब चैनल्स, एक्स (पूर्व ट्विटर) और गूगल इंडिया को भी पक्षकार बनाया गया है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गौरव भाटिया ने स्वयं अपने घर से कुर्ता और कैज़ुअल शॉर्ट्स में लाइव टीवी डिबेट में हिस्सा लिया, जिसके कारण उनके पैर कैमरे पर दिखे। इसलिए इसमें उनकी निजता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।
फिर भी अदालत ने प्रतिवादी 1 और 11 को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने पोस्ट 24 घंटे के भीतर हटा दें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो भाटिया एक्स कॉर्प को सूचित करेंगे और कंपनी को 72 घंटे के भीतर संबंधित पोस्ट हटाने और डि-इंडेक्स करने होंगे।
कोर्ट ने यह आदेश सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत पारित किया।
मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।

