दिल्ली हाईकोर्ट ने वैक्सीन के दोनों डोज लेने बावजूद 'पूरी तरह से वैक्सीनेटिड' प्रमाण पत्र जारी न करने का दावा करने वाले वकील की याचिका पर जवाब मांगा

LiveLaw News Network

27 Aug 2021 12:21 PM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरी तरह से वैक्सीनेटिड होने के बावजूद उसे इस संबंध में उचित प्रमाण पत्र जारी नहीं करने का दावा करने वाले एक वकील की याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार से जवाब मांगा।

    वकील ने अपनी याचिका में दावा कि आधिकारिक COWIN पोर्टल उन्हें 'आंशिक रूप से टीका (वैक्सीनेट) लगाया हुआ' व्यक्ति के रूप में दिखा रहा है।

    न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई 27 सितंबर, 2021 को तय की है।

    दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता विश्वेश्वर श्रीवास्तव ने COVID-19 वैक्सीनेशन का अपेक्षित प्रमाण पत्र मांगा।

    उनका मामला यह है कि उन्हें और उनकी पत्नी दोनों को मैक्स अस्पताल साकेत में कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लिया।

    हालांकि, जहां उनकी पत्नी को सही प्रमाण पत्र मिला। वहीं द्वारका के बेनसुप अस्पताल में उन्हें कोवैक्सिन के प्रशासन को दर्शाने वाला प्रमाण पत्र मिला।

    COWIN पोर्टल पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें एक निर्धारित ईमेल पते पर भेज दिया गया।

    हालांकि, उन्होंने दावा कि उक्त ई-मेल पते पर शिकायत करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ।

    याचिका में उल्लेख किया गया,

    निर्धारित 28 दिनों की समाप्ति के बाद याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वह और उसकी पत्नी मैक्स अस्पताल में दूसरी डोज के लिए गए थे। जबकि उनकी पत्नी को अंतिम वैक्सीनेटिड प्रमाण पत्र मिला, जिसमें दिखाया गया कि उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन की दोनो डोज दी जा चुकी है। वहीं वकील को आखिरी डोज का वैक्सीनेशन का याचिका प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। उन्हें COWIN पोर्टल पर 'आंशिक रूप से वैक्सीनेटिड' के रूप में यह कहते हुए दिखाया गया कि उनकी कोविशील्ड की दूसरी डोज बाकी है।

    अदालत ने आदेश दिया,

    "जवाबी हलफनामा, यदि कोई हो, दस दिनों के भीतर दायर किया जाए। उसके बाद एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए।"

    केस शीर्षक: विश्वेश्वर श्रीवास्तव बनाम सचिव और अन्य।

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