दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तार आप नेता सत्येंद्र जैन को 'अस्वस्थ दिमाग का व्यक्ति' घोषित करने की मांग वाली याचिका में आदेश सुरक्षित रखा

Sharafat

16 Aug 2022 6:28 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तार आप नेता सत्येंद्र जैन को अस्वस्थ दिमाग का व्यक्ति घोषित करने की मांग वाली याचिका में आदेश सुरक्षित रखा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका में आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें आप नेता सत्येंद्र जैन को 'विकृत व्यक्ति' घोषित करने की मांग की गई, जिसके आधार पर उन्हेंदिल्ली विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।

    जैन वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

    मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ता ने सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा किया है।

    याचिका में तर्क दिया गया कि जैन ने खुद प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने कहा कि उनकी याददाश्त खो गई है और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, एसवी राजू ने मामले की सुनवाई कर रहे ट्रायल कोर्ट को इससे अवगत कराया था।

    याचिका में आगे आरोप लगाया गया कि जब ईडी अधिकारियों ने सत्येंद्र जैन का कुछ दस्तावेजों के साथ सामना करवाया तो उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं है और उन्होंने यह कहते हुए अपने हस्ताक्षरों से भी इनकार कर दिया कि कोविड के गंभीर मामले के कारण उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी है।

    याचिका में कहा गया,

    "यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि श्री सत्येंद्र जैन, प्रतिवादी संख्या 5, दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे हैं और हर दिन उन्हें बहुत सारे निर्णय लेने पड़ते हैं और कई दस्तावेजों / आदेशों पर हस्ताक्षर करने पड़ते हैं, लेकिन क्योंकि वह खुद अपनी याददाश्त खोने की घोषणा कर चुके हैं इसलिए कोई भी उनकी बीमारी का फायदा उठा सकता है और अंततः दिल्ली के मतदाताओं को नुकसान होगा। "

    याचिका में जैन को दिल्ली विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने और केंद्र को उनकी मानसिक स्थिति का विश्लेषण करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश देने की मांग की।

    इसके अलावा, दिल्ली सरकार को यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि जैन द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को नगण्य और शून्य घोषित किया जाए क्योंकि वह कोविड से पीड़ित थे और कथित तौर पर उनकी याददाश्त खो चुकी है।

    केस टाइटल : आशीष कुमार श्रीवास्तव बनाम दिल्ली एनसीटी सरकार और अन्य

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