दिल्ली हाईकोर्ट करेगा कुमार सानू के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा

Amir Ahmad

15 Oct 2025 4:02 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट करेगा कुमार सानू के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मौखिक रूप से कहा कि वह भारतीय पार्श्व गायक कुमार सानू भट्टाचार्य की याचिका पर अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश (Interim Injunction Order) पारित करेगा, जिसमें उनके व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की गई।

    जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा इस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

    अदालत का अवलोकन और निर्देश

    कोर्ट को प्रतिवादियों में से एक के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता (सानू) ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर चार प्रोफाइल के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके द्वारा प्रदान किए गए 34 URL अब उपलब्ध नहीं हैं।

    गूगल के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 10 चैनलों पर उल्लंघनकारी URL की सूची दी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक चैनल से संबंधित URL अब मौजूद नहीं है। दूसरा, वास्तव में 'इंडियन आइडल' एपिसोड की वास्तविक रिकॉर्डिंग थी, न कि AI-जनरेटेड वीडियो।

    सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने टिप्पणी की कि वह कुमार सानू के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरिम आदेश पारित करेगा, जिसमें उनके व्यक्तित्व के अनधिकृत उपयोग को हटाने का निर्देश दिया जाएगा।

    व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन का दावा

    कुमार सानू ने अपने नाम, आवाज, गायन शैली और तकनीक, छवि, कैरिकेचर, तस्वीरों और हस्ताक्षर सहित अपने व्यक्तित्व या प्रचार अधिकारों की सुरक्षा की मांग की है, जिनका तीसरे पक्ष द्वारा अनधिकृत उपयोग किया जा रहा है।3

    याचिका में कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 38B के तहत उनके प्रदर्शनों में निहित नैतिक अधिकारों (Moral Rights) के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया। सानू का कहना है कि उनके प्रदर्शनों और आवाज वाले विभिन्न GIF, ध्वनि और वीडियो रिकॉर्डिंग उनकी बदनामी करते हैं और उन्हें "अवांछनीय हास्य" का विषय बनाते हैं, जिससे उनके नैतिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।

    गायक इस बात से भी चिंतित हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके उनकी आवाज और गायन शैली की क्लोनिंग की जा रही है, उनके चेहरे को मॉर्फ किया जा रहा है। यहां तक कि ऐसे व्यावसायिक उत्पाद (Merchandise) भी बनाए जा रहे हैं। याचिका में कहा गया कि प्रतिवादियों के ऐसे कार्य झूठे समर्थन (False Endorsements) और पासिंग ऑफ के समान हैं। यह भी आरोप है कि इन अनाधिकृत गतिविधियों से प्रतिवादी राजस्व कमा रहे हैं।

    यह मुकदमा नामित प्रतिवादियों के अलावा जॉन डो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी दायर किया गया।

    हाईकोर्ट ने इस मामले से पहले मेटा और गूगल से पूछा कि कुमार सानू के खिलाफ मोर्फ्ड वीडियो और अपमानजनक भाषा वाले URL को सोशल मीडिया मध्यस्थों के शिकायत अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं हटाया जा सकता। हाल ही में, जस्टिस अरोड़ा की पीठ ने पत्रकार सुधीर चौधरी के व्यक्तित्व अधिकारों की भी रक्षा की थी।

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