दिल्ली हाईकोर्ट ने शिंदे गुट के नेता की ओर से दायर मानहानि मामले में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत को समन जारी किया

Brij Nandan

28 March 2023 10:56 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने शिंदे गुट के नेता की ओर से दायर मानहानि मामले में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत को समन जारी किया

    दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को एकनाथ शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले की ओर से दायर मानहानि के मामले में महाराष्ट्र के राजनीतिक नेताओं उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत को समन जारी किया।

    जस्टिस प्रतीक जालान ने ठाकरे और राउत द्वारा दिए गए कुछ बयानों के खिलाफ शेवाले द्वारा दायर मुकदमे में समन जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एकनाथ शिंदे गुट ने 2000 करोड़ रुपए में "शिवसेना का सिंबल" खरीदा था।

    अदालत ने अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाले शेवाले के आवेदन में गूगल और ट्विटर सहित प्रतिवादियों से भी जवाब मांगा और मामले को 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    शेवाले की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने अदालत को आरोपों से अवगत कराया और प्रतिवादियों को कोई और मानहानिकारक आरोप लगाने से रोकने के लिए अदालत से निषेधाज्ञा पारित करने की प्रार्थना की।

    हालांकि, जस्टिस जालान ने कहा कि पक्षकारों की प्रतिक्रिया के बाद ही कोई आदेश पारित किया जाएगा।

    अदालत ने कहा,

    "आरोप सही हैं या गलत? रिकॉर्ड पर हलफनामा होने के बाद मैं इस पर का फैसला करूंगा। मैं पहले ऑर्डर पास नहीं करना चाहता।“

    सुनवाई के दौरान, अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,

    "ये राजनीतिक झगड़े चल रहे हैं। जहां तक संस्थानों का संबंध है, उन्हें अपने लिए खड़ा होना होगा। इन सबसे निपटने के लिए चुनाव आयोग के कंधे काफी चौड़े हैं। अदालतों की तरह लोग अदालतों के बारे में तरह-तरह की बातें करते हैं।”

    जैसा कि नायर ने अदालत से पूछा कि क्या प्रतिवादियों का आचरण उसकी अंतरात्मा को झकझोरता है, जस्टिस जालान ने कहा,

    "ये अति-सहानुभूति नहीं हो सकती है कि भाषा निश्चित रूप से है। सवाल ये है कि क्या कोई व्यक्ति मेरी अंतरात्मा को झकझोरने का हकदार है? सवाल ये नहीं है कि यह मेरी अंतरात्मा को झकझोरता है या नहीं। सवाल ये है कि विचारों के मुक्त बाजार में, क्या लोगों को ऐसी बातें कहने का अधिकार है जो मेरी अंतरात्मा को झकझोर सकती हैं? अंतत: उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा।”

    अदालत ने स्पष्ट किया कि वो समन जारी करने के चरण में प्रथम दृष्टया निष्कर्ष नहीं देना चाहती है और प्रतिवादियों को एक अवसर देना चाहती है और उनकी प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करना चाहती है।

    पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, संजय राउत ने दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह धनुष और तीर को "खरीदने" के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है।



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