दिल्ली हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विवाह के पंजीकरण की मांग करने वाली एनआरआई कपल की याचिका पर नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

19 July 2021 7:22 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विवाह के पंजीकरण की मांग करने वाली एनआरआई कपल की याचिका पर नोटिस जारी किया

    Delhi High Court

    दिल्ली हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विवाह के पंजीकरण की मांग करने वाली एनआरआई कपल की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

    न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश सरकारी वकील (सिविल) को नोटिस जारी किया और मामले को 20 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया है। प्रतिवादी को एक सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रवीण गौड़ पेश हुए। शादी के पंजीकरण के लिए संबंधित सब- डिविजल मजिस्ट्रेट के समक्ष वर्चुअल मोड में पेश होने की अनुमति मांग की। शादी 2012 में नई दिल्ली में हुई थी।

    याचिकाकर्ता का कहना है कि दिल्ली (विवाह का अनिवार्य पंजीकरण) आदेश, 2014 के खंड 4 (डी), (ई), और खंड 9 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति को छोड़कर पंजीकरण प्राधिकारी के समक्ष याचिकाकर्ताओं की शारीरिक उपस्थिति को मजबूर करने के लिए गलत व्याख्या की जा रही है। याचिकाकर्ता का मामला यह है कि यदि इस तरह की व्याख्या की जाती है तो यह अनुचित और मनमाना होगा और इस प्रकार हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 8 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होगा।

    याचिकाकर्ताओं की शादी नई दिल्ली में एक हिंदू वैदिक समारोह में हुई थी। बेटे के जन्म के बाद याचिकाकर्ता सिंगापुर चले गए, जहां उनकी बेटी का जन्म हुआ। उनके स्थानांतरण के बाद साल 2014 में अनिवार्य रूप से शादी का पंजीकरण करने का आदेश पारित किया गया। इससे पहले उन्होंने पंजीकरण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं किया क्योंकि इसकी आवश्यकता ही नहीं थी।

    अब याचिकाकर्ताओं को युनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज द्वारा आवश्यक संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्रीन कार्ड के आवेदन के लिए उस स्थान के स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी एक पंजीकृत विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, जहां उनका विवाह हुआ था। याचिकाकर्ताओं के मामले में प्राधिकरण सब डिविजनल मजिस्ट्रेट पंजाबी बाग होगा।

    याचिकाकर्ता ने कहा कि भारत में COVID-19 वायरस के डेल्टा वैरिएंट के गंभीर प्रकोप और बाद में भारत और संयुक्त राज्य सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंध के कारण याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से पंजीकरण कराने के लिए भारत नहीं आ सके।

    याचिकाकर्ता अपना ऑनलाइन विवाह पंजीकरण आवेदन जमा करने में असमर्थ रहे हैं क्योंकि इसके लिए आधार कार्ड मतदाता पहचान पत्र होना आवश्यक है। चूंकि याचिकाकर्ता भारत के निवासी नहीं हैं, इसलिए उनके पास यह दस्तावेज नहीं हैं। पोर्टल आवेदक को "तहसील / उप-मंडल कार्यालय" में किसी भी काउंटर पर आवेदन करने की सलाह देता है।

    हालांकि पक्षकारों के अधिवक्ता जब एसडीएम के काउंटर पर गए तो काउंटर ने फिजिकल फार्म स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उक्त एडवाइजरी तहसीलदार कार्यालय के स्तर तक ही है।

    याचिकाकर्ताओं ने इसके बाद 30 जून, 2021 को विवाह पंजीकरण के लिए फिजिकल मोड में फॉर्म स्वीकार करने और व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए अपने वकील के माध्यम से एसडीएम, पंजाबी बाग के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर किया। हालांकि, अब तक याचिकाकर्ता को इस संबंध में कोई जवाब नहीं मिला है।

    केस का शीर्षक: रीना चड्ढा एंड अन्य बनाम जीएनसीटीडी



    Next Story