दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के पूर्व प्रमुख एम नागेश्वर राव का ट्विटर वैरिफिकेशन टैग हटाने के खिलाफ दायर याचिका जुर्माने के साथ खारिज की

Sharafat

17 May 2022 7:24 AM GMT

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के वैरिफिकेशन टैग (नाम के साथ ब्ल्यू टिक) हटाने के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव द्वारा दायर याचिका 10,000 रुपए के जुर्माने के साथ खारिज कर दी।

    जस्टिस यशवंत वर्मा का विचार था कि राव को वैरिफिकेशन के लिए फिर से आवेदन करने की स्वतंत्रता देकर, 7 अप्रैल, 2022 के आदेश के द्वारा समान प्रार्थनाओं वाली याचिका का निपटारा किया जा चुका है।

    नतीजतन राव ने उक्त आदेश के अनुपालन में पिछले महीने वैरिफिकेशन टैग के लिए फिर से आवेदन किया था। हालांकि, राव इस बात से दुखी थे कि ट्विटर ने आज तक उनके ट्विटर हैंडल से जुड़े वेरिफिकेशन टैग को दोबारा नहीं लगाया, इसलिए, यह देखते हुए कि राव द्वारा इसी तरह की प्रार्थना की मांग करते हुए बाद की याचिका को इस तर्क के साथ स्थापित किया गया था कि ट्विटर ने अभी तक उक्त आवेदन पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, अदालत ने इस प्रकार आदेश दिया:

    " यह न्यायालय इस बात पर ध्यान देता है कि पिछली रिट याचिका का निपटारा 7 अप्रैल को किया गया था, इसलिए इस याचिका का कोई औचित्य नहीं है जो रिट याचिका को यह ध्यान में रखते हुए दायर की गई है।"

    कोर्ट ने यह भी नोट किया कि ट्विटर को इस बात के लिए मान्यता दी जानी चाहिए कि उक्त प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने के लिए कम से कम उचित समय लगता है।

    अदालत ने आदेश दिया,

    "इस प्रकार याचिका को 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है।"

    राव ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था कि ट्विटर पर उनके अकाउंट में ब्लू टिक है, लेकिन मार्च 2022 में इसे हटा दिया गया है।

    याचिका में केंद्र से मंत्रालय के भीतर एक या एक से अधिक अनुपालन और शिकायत अधिकारियों को नामित करने या विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, एफबी, इंस्टाग्राम आदि के उपयोगकर्ताओं की शिकायतों या शिकायतों को देखने के लिए निर्देश देने की मांग की है। यूज़र्स पहचान के वैरिफिकेशन सहित कानून और नियम ताकि आम जनता को अनावश्यक उत्पीड़न का शिकार न होना पड़े।

    एडवोकेट मुकेश शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की गई, जबकि एडवोकेट राघव अवस्थी ने मामले में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व किया।

    केस टाइटल - एम नागेश्वर राव बनाम भारत संघ और अन्य।

    साइटेशन : 2022 लाइव लॉ (दिल्ली) 456

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