ब्रेंकिग: दिल्ली हाईकोर्ट ने एंटीलिया बम मामले में यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने सचिन वाजे की याचिका खारिज की

Brij Nandan

7 Oct 2022 5:30 AM GMT

  • सचिन वाजे

    सचिन वाजे

    दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एंटीलिया बम विस्फोट मामले ( Antilia Bomb Scare Case) में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की याचिका खारिज की।

    जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस अनीश दयाल के एक खंड ने आदेश सुनाया और कहा कि अधिकार क्षेत्र की कमी के कारण याचिका खारिज की जाती है।

    याचिका में यूएपीए की धारा 15 (1) को हटाने की मांग की गई थी, जो कानून के तहत 'आतंकवादी कृत्य' को परिभाषित करती है। याचिका में कहा गया है कि यह प्रावधान अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।

    याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार द्वारा पारित 2 सितंबर, 2021 के मंजूरी आदेश को रद्द करने की भी प्रार्थना की थी।

    पूरा मामला

    यह मामला पिछले साल 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक महिंद्रा स्कॉर्पियो में 20

    जिलेटिन स्टिक (विस्फोटक) और धमकी भरा नोट बरामद होने और उसके बाद व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या से संबंधित है। वाज़े को इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए दायर की गई उनकी याचिकाओं को कई बार खारिज कर दिया गया।

    एनआईए ने इस महीने की शुरुआत में अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि वाज़े ने बार और ऑर्केस्ट्रा मालिकों से वसूले गए पैसे का इस्तेमाल व्यवसायी मुकेश अंबानी के परिवार के खिलाफ आतंकी खतरे को अंजाम देने और साजिश में एक "कमजोर कड़ी" मनसुख हिरन को खत्म करने के लिए किया।

    एजेंसी ने दावा किया कि वाज़े के कथित अपराध के पीछे का मकसद 16 साल बाद, 2020 में मुंबई पुलिस बल में उनकी बहाली के बाद खोई हुई महिमा को फिर से हासिल करने के लिए खुद को "सुपर कॉप" के रूप में स्थापित करना था।

    एनआईए ने वाज़े और नौ अन्य को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 120 बी, 201, 364, 403 और यूएपीए अधिनियम की धारा 16, 18 और धारा 20 के तहत आरोपी बनाया गया है।


    Next Story