दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत खारिज की

LiveLaw News Network

11 March 2022 8:30 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत खारिज की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच का सामना कर रहे क्रिश्चियन जेम्स मिशेल द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया। जमानत याचिका पिछले साल जुलाई में दायर की गई थी।

    जस्टिस मनोज ओहरी ने मिशेल के लिए एडवोकेट अल्जो के जोसेफ, सीबीआई के लिए एडवोकेट डीपी सिंह और ईडी के लिए एएसजी एसवी राजू को सुनने के बाद यह आदेश सुनाया।

    सीबीआई ने मिशेल की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह एक ब्रिटिश नागरिक है। वह भारत में नहीं रहता है। उसके भाग जाने का खतरा है। यह भी कहा गया कि उसने एक बिचौलिए के रूप में काम किया, घोटाले से संबंधित कुछ अनुबंधों के अनुसार धन प्राप्त किया और जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।

    ईडी ने उसकी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मिशेल ने हेलिकॉप्टरों की ऊंचाई कम करके लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आवश्यक महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों में हस्तक्षेप किया। इसने मिशेल के वकील द्वारा किए गए दावे का खंडन किया कि उसे सभी आरोपों से इतालवी अदालत ने बरी कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालत को गुमराह करने के लिए जमानत से इनकार किया जाना चाहिए।

    दूसरी ओर मिशेल के वकील और तर्क दिया कि भारत में गहरी जड़ें नहीं होने का तथ्य केवल ट्रायल कोर्ट के लिए उसे जमानत से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि मिशेल जांच में सहयोग करेगी।

    जोसेफ ने ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा विदेश मंत्रालय को कथित रूप से जारी एक पत्र भी रिकॉर्ड में रखा। इसमें स्पष्ट किया गया कि मिशेल को अदालत की मंजूरी के बिना कोई यात्रा दस्तावेज जारी नहीं किया जाएगा। फिलहाल उनका पासपोर्ट सीबीआई की हिरासत में है।

    उन्होंने जमानत की कठोरता के संबंध में ईडी के दावे का भी खंडन किया। उन्होंने तर्क दिया कि 2018 में संशोधित प्रावधान, मिशेल पर पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। उसके खिलाफ 2016 में आरोप पत्र दायर किया गया।

    मिशेल को दिसंबर, 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में हुए कथित अवैध लेनदेन के लिए उन्हें 'बिचौलिया' कहा जाता है।

    सीबीआई ने आरोप लगाया कि 556.262 मिलियन यूरो के वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी, 2010 को हुए सौदे में सरकारी खजाने को 398.21 मिलियन यूरो (लगभग 2666 करोड़) का नुकसान हुआ था।

    ईडी ने जून, 2016 में मिशेल के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। इसमें आरोप लगाया गया कि उसे अगस्ता वेस्टलैंड से 30 मिलियन यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) मिले।

    केस शीर्षक: क्रिश्चियन मिशेल जेम्स बनाम प्रवर्तन निदेशालय

    साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (दिल्ली) 193

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