हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद को संसद जाने के लिए लगाए गए खर्च का हिसाब समझाने को कहा
Amir Ahmad
12 Aug 2025 4:14 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से यह स्पष्ट करने को कहा कि जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद को संसद जाने की अनुमति देने के लिए उन पर लगाए गए लगभग 4 लाख के खर्च की गणना का आधार क्या है।
जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस अनुप जयराम भंभानी की खंडपीठ इंजीनियर राशिद की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 25 मार्च के आदेश में संशोधन की मांग की थी। उस आदेश में उन्हें संसद जाने के लिए जेल अधिकारियों के पास करीब 4 लाख जमा करने की शर्त लगाई गई।
अदालत ने कहा कि राज्य (दिल्ली पुलिस) इस गणना का आधार बताए, क्योंकि आज संबंधित लोक अभियोजक (APP) उपलब्ध नहीं थे। अदालत ने कहा कि यह सवाल उस पत्र से जुड़ा है, जो दिल्ली आर्म्ड पुलिस के लोक अभियोजक कार्यालय से तिहाड़ जेल के अधीक्षक को भेजा गया था, और इसमें दी गई विभिन्न गणनाओं का आधार स्पष्ट किया जाए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से एडवोकेट अक्षय मलिक ने कहा कि इस प्रश्न का उत्तर राज्य ही दे सकता है।
सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन (राशिद की ओर से) ने तर्क दिया कि संसद में सांसद की अनुपस्थिति का असर यह होता है कि जनता की आवाज़ नहीं सुनी जा सकती।
उन्होंने कहा,
“मैं यह नहीं कह रहा कि आप मुझे अंतरिम ज़मानत दें। मैं कह रहा हूं कि मुझे पहले की तरह हिरासत में भेज दें या ऐसी शर्त न लगाएं, जो मुझे अपना कर्तव्य निभाने से रोकती हो।”
खंडपीठ ने हरिहरन से पूछा कि राशिद का मामला सुरेश कलमाडी बनाम सीबीआई मामले से कैसे अलग है, जिस पर वह भरोसा कर रहे हैं।
जस्टिस भंभानी ने यह भी पूछा कि क्या कलमाडी का फैसला कभी सुप्रीम कोर्ट में परखा गया, जिस पर हरिहरन ने 'नहीं' में उत्तर दिया।
हरिहरन ने आगे कहा कि कर्तव्य के साथ अधिकार भी जुड़ा होता है और यहां अनुमति तो दी गई है लेकिन इतनी भारी लागत लगाने की शर्त लगाना उचित नहीं है, क्योंकि इससे उनका कर्तव्य निभाना असंभव हो जाता है। उन्होंने राजेश रंजन बनाम बिहार राज्य के फैसले का हवाला दिया, जिसमें हिरासत में रहते हुए एक व्यक्ति को संसद जाने की अनुमति दी गई थी।
अदालत अब इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त को करेगी।
हरिहरन ने पहले दलील दी कि लगाए गए दैनिक खर्च की शर्त के कारण राशिद अपने बारामूला संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं।
राशिद 2024 लोकसभा चुनाव में बारामूला से चुने गए और 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें NIA ने 2017 के आतंक-फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था।
केस टाइटल: अब्दुल राशिद शेख बनाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)

