दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने "बुली बाई" ऐप को डेवलेप और उसे होस्ट करने के कृत्य की निंदा की

LiveLaw News Network

6 Jan 2022 11:08 AM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुली बाई ऐप को डेवलेप और उसे होस्ट करने के कृत्य की निंदा की

    दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार को आयोजित अपनी कार्यकारी समिति की एक बैठक में "बुली बाई" ऐप को डेवलेप करने और उसे होस्ट करने के कृत्य की निंदा की।

    बुल्ली बाई ऐप 'सुली डील' के समान है। इसके परिणामस्वरूप पिछले साल 'सुलिस' की पेशकश करके एक विवाद हुआ था, जो एक अपमानजनक शब्द है। इसे सोशल मीडिया के ट्रोल्स मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल करते हैं। GitHub उस ऐप का होस्ट भी था।

    बैठक में पारित प्रस्ताव के बारे में कहा गया,

    "दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन स्पष्ट रूप से और कड़े शब्दों में ऐप 'बुली बाई' को बनाने, विकसित करने और होस्ट करने के दुर्भावनापूर्ण, शरारती और निंदनीय कृत्य की निंदा करता है। इससे उपयोगकर्ताओं को कई सम्मानित महिलाओं की झूठी नीलामी में भाग लेने की अनुमति मिलती है।"

    आगे यह कहा गया कि उक्त ऐप न केवल गंभीर आपराधिक अपराधों को करने के समान है, बल्कि महिला नागरिकों को लक्षित और बदनाम भी करता है।

    प्रस्ताव में कहा गया,

    "दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन पुलिस आयुक्त, दिल्ली को एक पत्र लिखेगा और तत्काल एफआईआर दर्ज करने और उसके बाद कुशल, शीघ्र जांच की मांग करेगा। ताकि कायरतापूर्ण अपराध करने के दोषी पाए जाने वाले सभी व्यक्तियों को कानून के अनुसार, दंडित किया जा सके।"

    गौरतलब है कि मुंबई के बांद्रा में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने बुधवार को बुली बाई ऐप मामले में गिरफ्तार 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र विशाल झा को 10 जनवरी, 2022 तक मुंबई साइबर पुलिस की हिरासत में भेज दिया।

    संबंधित हैंडल और बुल्ली बाई के डेवलपर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153A, 153B, 295A, 354D, 509 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

    यह मामला तब सामने आया जब GitHub द्वारा होस्ट किए गए ऐप पर असंख्य प्रमुख मुस्लिम महिलाओं ने खुद को नीलामी के लिए पाया। कई महिलाओं ने पाया कि उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को "नीलामी" के लिए ऐप पर डाला गया।

    महिलाओं में प्रमुख पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शामिल हैं।

    एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुली बाई ऐप में महिला तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी। झा ने खालसा वर्चस्ववादी नाम से एक अकाउंट बनाया, जाहिर तौर पर यह देखने के लिए कि यह खालिस्तानी हमला है। फिर 31 दिसंबर को उन्होंने अकाउंट्स के नाम बदल दिए ताकि उन्हें ऐसा लगे कि वे कथित रूप से एक विशेष समुदाय के हैं।

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