दिल्ली हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से पहले पारित मूल्यांकन आदेश रद्द किया

Sharafat

28 Oct 2023 4:45 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से पहले पारित मूल्यांकन आदेश रद्द किया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने का समय समाप्त होने से पहले पारित मूल्यांकन आदेश को रद्द कर दिया।

    जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस गिरीश कठपालिया की पीठ ने कहा है कि कारण बताओ नोटिस 31 मार्च, 2023 को जारी किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता या निर्धारिती को 5 मई, 2023 (15:49 घंटे) तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया गया था। विवादित आदेश 13 अप्रैल, 2023 को पारित किया गया।

    प्रारंभिक आधार जिस पर याचिकाकर्ता/निर्धारिती ने 13 अप्रैल, 2023 के मूल्यांकन आदेश पर सवाल उठाया, वह यह था कि हालांकि 31 मार्च, 2023 के कारण बताओ नोटिस में याचिकाकर्ता/निर्धारिती को 5 मई, 2023, 15 तक जवाब दाखिल करने का समय दिया गया था।

    अदालत ने प्रतिवादी या विभाग के वकील को निर्देश के साथ लौटने का समय दिया। यह स्पष्ट कर दिया गया कि यदि रिट याचिका का विरोध करने का निर्देश मिलेगा तो मामले में जवाबी हलफनामा दायर किया जायेगा।

    हालांकि जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है, इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा किए गए दावे अप्रमाणित हैं।

    अदालत ने मूल्यांकन आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि कार्यवाही में तेजी लाने के लिए, निर्धारिती को आदेश की प्रति प्राप्त होने के चार सप्ताह के भीतर 31 मार्च, 2023 के कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करना होगा।

    केस टाइटल : वंडर ब्रिक्स बनाम पीसीआईटी

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story