शराब पर 70% विशेष कोरोना फ़ीस लगाने के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
18 May 2020 9:15 AM IST
दिल्ली में शराब की बिक्री पर 70% विशेष कोरोना शुल्क लगाने के दिल्ली सरकार के फ़ैसले को अदालत में चुनौती दी गई है और दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर सरकार को नोटिस जारी किया है।
न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति हरि शंकर की खंडपीठ ने इस याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और इस मामले पर सुनवाई 29 मई को निर्धारित की।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि दिल्ली आबकारी अधिनियम की धारा 26 के तहत सरकार सिर्फ़ चार मदों के तहत ही राजस्व की उगाही कर सकती है – शुल्क, लाइसेंस फ़ीस, लेबल पंजीकरण शुल्क और आयात/निर्यात शुल्क।
इसलिए याचिकाकर्ता ने दलील दी कि इसको देखते हुए एक नए मद "विशेष कोरोना फ़ीस" के तहत सरकार राजस्व की वसूली नहीं कर सकती।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि सरकार ने ग़लती से नया शुल्क वसूलने के लिए दिल्ली आबकारी अधिनियम की धारा 81 का सहारा लिया है। यह कहा जाता है कि धारा 81(2)(g) मात्र एक प्रक्रियात्मक और विनियमन से संबंधित है और इस धारा की शक्तियों के आधार अन्य प्रावधान हैं।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चूंकि न तो धारा 26 और न ही नियम 152 और 154 में इस तरह की किसी श्रेणी का प्रावधान है, दिल्ली सरकार धारा 81 के तहत किसी विशेष कोरोना फ़ीस की वसूली नहीं कर सकती। याचिकाकर्ताओं ने सरकार के क़दम को असंगत और मनमाना बताया और कहा कि इससे संविधान के अनुच्छेद 265 का उल्लंघन होता है।
याचिका में कहा गया है कि यह फ़ीस अनुच्छेद 14 के तहत समानता और समान संरक्षण के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
याचिका मेंं कहा गया है कि
"यह फ़ीस सिर्फ खुदरा बिक्री पर लगाई जा रही है और वह भी एमआरपी पर जिसका मतलब यह हुआ कि यह सीधे-सीधे शराब उपभोक्ताओं से वसूली जा रही है। हालांकि, अधिनियम के प्रावधान और नियम उपभोक्ताओं पर इस तरह का शुल्क लगाए जाने की बात नहीं करता। …इसलिए यह फ़ीस ग़ैरक़ानूनी है और इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए।"
यह याचिका एडवोकेट भारत गुप्ता और वरुण त्यागी के माध्यम से दायर की गई है।