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दिल्ली हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार किया, जिसके पिता को COVID19 के संक्रमण के संदेह में क्वारंटाइन में रखा गया

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है जिसने बिजनौर में अपने परिवार की देखभाल करने के आधार पर ज़मानत की अर्ज़ी दी थी, क्योंकि COVID19 के कारण उसके पिता को क्वारंटाइन में रखा गया है और वह परिवार की देखभाल नहीं कर सकते।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने ज़मानत से इनकार करते हुए तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के पिता ने पहले ही क्वारंटाइन में 7 दिन पूरे कर लिए हैं और उन्हें क्वारंटाइन अवधि पूरी करने में केवल 7 और दिन बचे हैं। इसके बाद, स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
अदालत ने यह भी नोट किया कि जब पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है और दिल्ली से बिजनौर तक उसके आवागमन की व्यवस्था करना मुश्किल होगा।
अंतरिम जमानत की याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसके माता-पिता वृद्ध हैं और परिवार में एक आश्रित बेटी भी है। इसके अलावा, जैसा कि उसके पिता को COVID 19 से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है और वे परिवार की देखभाल करने में असमर्थ हैं।
याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया कि वह अपने परिवार के पास वापस जाने की इच्छा रखता है और अपने परिवार के फल वेंडिंग व्यवसाय को चलाना चाहता है जब तक कि उसके पिता अपने स्वस्थ नहीं हो जाते।
राज्य के लिए पैरवी करते हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक कुसुम भल्ला ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता के पैतृक स्थान पर गए थे और यह पाया गया कि उसके पिता गंभीर सांस और तीव्र दमा रोग से पीड़ित थे जिसके कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वह ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से सांस ले रहे थे और गांव के स्थानीय डॉक्टर से इलाज कर रहे थे।
तथ्यों का विश्लेषण करते हुए, अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह अपने पिता से नहीं मिल पाएगा या उसकी देखभाल नहीं कर पाएगा क्योंकि वह COVID 19 का एक संदिग्ध मरीज है।
अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता का मूल निवास दिल्ली से लगभग 180 किमी दूर है और अगर उसे अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, तो राज्य के लिए दिल्ली से बिजनौर की यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था करना मुश्किल होगा।
इसी के प्रकाश में अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करने की तत्काल आवश्यकता नहीं है।
आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें