दिल्ली सरकार ने दिल्ली दंगों और CAA विरोध प्रदर्शन के संबंध में दर्ज 85 एफआईआर के मामलों के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और 5 अन्य विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की
LiveLaw News Network
31 July 2020 11:58 AM IST
दिल्ली सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) के विरोध और फरवरी के अंतिम सप्ताह में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में दर्ज 85 एफआईआर से उत्पन्न होने वाली अदालती कार्यवाही के संचालन के लिए छह विशेष लोक अभियोजकों को नियुक्त किया है।
विशेष लोक अभियोजक निम्न हैं:
1. तुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरल।
2. अमन लेखी, एडीशनल सॉलिसिटर जनरल।
3. चेतन शर्मा, एडी. सॉलिसिटर जनरल।
4. एस वी राजू, एडी. सॉलिसिटर जनरल।
5. अमित महाजन, एडवोकेट
6. रजत नायर, एडवोकेट
इ स संबंध में एक अधिसूचना जुलाई को दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गृह विभाग द्वारा जारी की गई थी।
दिल्ली सरकार के गृह विभाग के उप सचिव एल के गौतम द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल की मंजूरी से अधिसूचना जारी की गई ।
दिल्ली दंगों से संबंधित मामलों में विशेष अभियोजकों की नियुक्ति दिल्ली सरकार और दिल्ली-एलजी के बीच विवाद का कारण रही है। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट कर रही है जिससे अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई।
फरवरी में दिल्ली दंगों की जाँच के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उपस्थिति से विवाद पैदा हो गया था। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने यह कहते हुए इस पर आपत्ति जताई कि अभियोजकों की नियुक्ति थी दिल्ली सरकार का अधिकार है। आपत्ति इस आधार पर थी कि एलजी दिल्ली सरकार की सहायता और सलाह पर ही अभियोजकों की नियुक्ति कर सकते हैं।
उसके बाद, 27 फरवरी को, दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल ने हर्ष मंदर द्वारा दायर मामले में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की नियुक्ति का आदेश पारित किया।
29 मई को, दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने सॉलिसिटर जनरल, एएसजी मनिंदर आचार्य, एएसजी अमन लेखी, स्थायी वकील (यूओआई) अमित महाजन और एडवोकेट रजत नायर को दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में विशेष अभियोजक के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी। (अकिल हुसैन बनाम स्टेट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली)।
इस हफ्ते की शुरुआत में, ऐसी खबरें थीं कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस द्वारा प्रस्तावित विशेष अभियोजकों के एक पैनल को खारिज कर दिया।