बहन की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद को मिली ज़मानत

Amir Ahmad

11 Dec 2025 7:15 PM IST

  • बहन की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद को मिली ज़मानत

    दिल्ली कोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को JNU के पूर्व स्कॉलर और एक्टिविस्ट उमर खालिद को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साज़िश के UAPA मामले में अंतरिम ज़मानत दी।

    खालिद ने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम ज़मानत मांगी थी।

    कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने खालिद को 16 से 29 दिसंबर तक के लिए 20,000 रुपये के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रकम की दो ज़मानतों पर अंतरिम ज़मानत दी।

    खालिद को निर्देश दिया गया कि वह मामले से जुड़े किसी भी गवाह या व्यक्ति से संपर्क न करे। उसे जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर देने और अंतरिम ज़मानत की अवधि तक उसे चालू रखने के लिए कहा गया।

    कोर्ट ने कहा,

    “अंतरिम ज़मानत की अवधि के दौरान आवेदक सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा। अंतरिम ज़मानत की अवधि के दौरान आवेदक केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलेगा। इसके अलावा वह अपने घर या उन जगहों पर रहेगा जहां शादी की रस्में होंगी जैसा कि उसने बताया।"

    जज ने खालिद को 29 दिसंबर की शाम को संबंधित जेल के जेल अधीक्षक के सामने सरेंडर करने का निर्देश दिया।

    पिछले साल दिसंबर में जज ने खालिद को परिवार में शादी में शामिल होने के लिए 7 दिनों की अंतरिम ज़मानत दी थी।

    इससे पहले 2022 में उन्हें अपनी बहन की शादी समारोह में शामिल होने के लिए एक हफ्ते की अंतरिम ज़मानत दी गई।

    अक्टूबर, 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था।

    इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन बाद में अपनी SLP वापस ले ली। उन्होंने ट्रायल कोर्ट में दूसरी रेगुलर ज़मानत याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था।

    इसके बाद उन्होंने अपनी दूसरी रेगुलर ज़मानत याचिका खारिज होने को चुनौती देते हुए फिर से दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया।

    2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की एक डिवीज़न बेंच ने यह देखते हुए कि पहली नज़र में पूरी साज़िश में उमर खालिद की भूमिका गंभीर है, क्योंकि उन्होंने सांप्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण देकर मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को बड़े पैमाने पर इकट्ठा होने के लिए उकसाया था।

    इसके खिलाफ खालिद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

    बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की बड़ी साज़िश के मामले में खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और अन्य आरोपियों की ज़मानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

    FIR 59/2020 दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारतीय दंड संहिता, 1860 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की थी।

    इस मामले में आरोपी हैं ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अथर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल।

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