दिल्ली कोर्ट ने जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद को जेल में सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया

LiveLaw News Network

5 Oct 2020 1:14 PM GMT

  • दिल्ली कोर्ट ने जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद को जेल में सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया

    दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

    पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट देव सरो ने जेल अधिकारियों को भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने और उचित सावधानी बरतने का निर्देश दिया की उन्हें कोई नुकसान न हो, जबकि जेल के भीतर सुरक्षा की मांग करते हुए उनके द्वारा दायर आवेदन पर कार्रवाई की गई ।

    मजिस्ट्रेट उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में खजुरी खास पुलिस स्टेशन (प्राथमिकी संख्या 101/2020) द्वारा दर्ज किए गए मामले की सुनवाई कर रहे थे ।

    अपने अधिवक्ता त्रिदीप पाइस, सान्या कुमार और रक्षादा डेका के माध्यम से दायर आवेदन में खालिद ने दलील दी कि उन्हें जेल नियमों के मुताबिक अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ संवाद करने की अनुमति दी जानी चाहिए ।

    उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि उन्होंने अपनी पुलिस हिरासत के दौरान किसी भी बयान या दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं ।

    आवेदन में जेल अधिकारियों की श्रव्य रेंज के बाहर प्रत्येक अवसर पर कम से 30 मिनट के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा का उपयोग कर अपने वकील के साथ एक सप्ताह में दो कानूनी साक्षात्कार के लिए अनुमति मांगी गई थी । खालिद ने हेडफोन के लिए अनुरोध किया कि वह उनके और उनके वकील के बीच अपनी बातचीत की निजता बनाए रखे । आवेदन में आगे कहा गया है कि उन्हें न्यायिक हिरासत में रहते हुए अपने चश्मे रखने और बाहर से किताबें और पठन सामग्री प्राप्त करने की अनुमति दी दी जानी चाहिए ।

    कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे जेल मैनुअल के अनुसार आवेदन में मांगी गई सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

    खालिद को दिल्ली दंगों के पीछे आपराधिक साजिश का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (एफआईआर नंबर 59/2020) की क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में 13/14 सितंबर की दरसित रात को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने आरोप लगाया कि दिल्ली दंगों को खालिद के नेतृत्व में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और दंगों से जोड़ा गया ।

    कडकड डूमा की एक सत्र अदालत ने 14 सितंबर को उस मामले में उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

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