दिल्ली की एक अदालत ने एक याचिका की सुनवाई में अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त को अनुराग ठाकुर और प्रवीण वर्मा के खिलाफ, कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में, एफआईआर दर्ज करने के लिए 15 दिनों की अवधि में एक कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मंगलवार की सुनवाई में, कोर्ट में जानकारी दी गई कि यह मामला अपराध शाखा की विशेष जांच इकाई के पास है। पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा इसकी निगरानी कर रहे हैं।
क्राइम ब्रांच ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में मौजूदा शिकायत की जांच पूरी करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगा था। अदालत को बताया गया कि उक्त शिकायत की जांच के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी, क्योंकि विभाग चुनाव ड्यूटी में व्यस्त था।
एसीएमएम विशाल पाहुजा ने मौजूदा मामले को 'संवेदनशील' बताते हुए 8 सप्ताह की मांग को खारिज कर दिया। अपराध शाखा को 15 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें यह बताना होगा कि उपरोक्त भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए या नहीं।
यह आदेश सीपीएम नेता वृंदा करात की ओर से आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत दायर एक याचिका पर आया है।
करात ने अपनी याचिका में अदालत से निम्नलिखित उपचारों की मांग की है:
1) संसद मार्ग थाने के एसएचओ को 29 जनवरी 2020 की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153A,153B,295A, 298, 504, 505 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देशित करें।
2) निर्देश दें कि एफआईआर की जांच में आरोपियों की गिरफ्तारी सहित एफआईआर दर्ज होने के बाद न्यायपूर्ण, उचित और निष्पक्ष तरीके से जांच करने के लिए एसएचओ को आवश्यक निर्देश जारी करके निगरानी की जाए।
अदालत ने दिल्ली पुलिस उपायुक्त को उक्त निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी को चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को उनके "देश के गद्दरों को" नारे के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
आयोग ने अपने नोटिस में कहा था कि, प्रथम दृष्टया, इस टिप्पणी में "सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की क्षमता" थी और भाजपा सांसद ने आदर्श आचार संहिता और चुनावी कानून का उल्लंघन किया था।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद परवेश वर्मा के शाहीन बाग पर दिए भड़काऊ बयान के संबंध में चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट भेजी है।
एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में वर्मा ने कहा था कि जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ, वह दिल्ली में भी हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि शाहीन बाग में जमा लाखों सीए-विरोधी प्रदर्शनकारी घरों में घुस सकते हैं और महिलाओं का बलात्कार कर सकते हैं।