दिल्ली दंगे: कोर्ट ने मामले में चार लोगों को बरी किया, कहा- लूट और आगजनी करने वाले दंगाइयों के रूप में उनकी पहचान 'बेहद संदिग्ध'
LiveLaw News Network
11 Jan 2022 3:12 PM IST
दिल्ली कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों से संबंधित एक मामले में चार लोगों को बरी किया। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता के घर में लूट और आगजनी करने वाले दंगाइयों के रूप में उनकी पहचान बेहद संदिग्ध है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने आईपीसी की धारा 149, 143, 147, 148, 380, 436 के तहत मुकदमे का सामना कर रहे दिनेश, साहिल, संदीप और टिंकू को बरी कर दिया।
शिकायतकर्ता अफजल सैफी से प्राप्त लिखित शिकायत के आधार पर गोकलपुरी पुलिस में प्राथमिकी 64/2020 दर्ज की गई थी। आरोप था कि दंगाइयों ने उनके घर को लूट लिया और फिर आग लगा दी।
इस बीच एक अन्य शिकायत शोएब ने दंगाइयों द्वारा उसकी दुकान में की गई चोरी के संबंध में दर्ज कराई थी। उक्त शिकायत को वर्तमान मामले में प्राथमिकी के साथ जोड़ा गया था।
अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार, दंगों की घटना के दो चश्मदीद गवाह थे जिन्होंने दंगों की घटनाओं में भाग लेने वाले आरोपियों की पहचान की थी।
एक चश्मदीद गवाह ने कहा कि उसने सीसीटीवी फुटेज में 6 से 7 दंगाइयों की पहचान की, जिन्हें उसने मौके पर देखा था और उसने सभी चार आरोपियों की पहचान यह कहते हुए की कि ये दंगाई हैं जिनके चेहरे उपरोक्त घटना के समय कवर नहीं किए गए थे।
उसने स्वीकार किया कि दंगा की घटना के संबंध में पुलिस स्टेशन को कोई कॉल नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि थाने में लौटने के बाद उनकी कोई डीडी एंट्री रिकॉर्ड नहीं हुई थी।
दूसरे चश्मदीद गवाह के बयान में उन्होंने सभी चार आरोपियों की पहचान उन दंगाइयों में से की, जिन्होंने घटना के समय अपने चेहरे को नहीं ढका था। उसकी जिरह भी पहले चश्मदीद गवाह की तरह ही थी।
कोर्ट ने कहा,
" जिस तरह से PW8 और PW12 ने आरोपियों की पहचान दंगाइयों में से होने का दावा किया है, जिन्होंने PW1 के घर को लूटा और आग लगा दी, अदालत के दिमाग में संदेह पैदा करता है।"
कोर्ट ने देखा कि कोई सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड पर नहीं रखा गया है। अदालत ने कहा कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि चार आरोपी व्यक्ति किसी भी वीडियो फुटेज में देखे गए और दो चश्मदीद गवाहों द्वारा पहचाने गए।
न्यायाधीश ने कहा,
"इसके अलावा, भले ही यह मान लिया जाए कि आरोपी को ऐसे वीडियो फुटेज में देखा गया था, फिर भी यह अभियुक्त की पहचान के पहलू पर अभियोजन पक्ष के मामले को आगे नहीं बढ़ाता है क्योंकि माना जाता है कि फुटेज किसी और जगह का है और यह इस मामले की घटना के जगह की नहीं है।"
कोर्ट ने मामले में आरोपी व्यक्तियों को बरी करते हुए कहा,
"अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों की प्रकृति को देखते हुए, जैसा कि यहां ऊपर चर्चा की गई है, 26.02.2020 को पीडब्ल्यू1 के घर में लूट और आगजनी करने वाले दंगाइयों के रूप में आरोपियों की पहचान और PW8 और PW12 की गवाही बेहद संदिग्ध हो जाती है।"
केस का शीर्षक: राज्य बनाम दिनेश व अन्य।
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