हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को अंतरिम राहत देते हुए 'द वायर' को बामनोली भूमि अधिग्रहण पर कथित मानहानिकारक लेख हटाने का निर्देश दिया

Shahadat

22 Nov 2023 10:03 AM GMT

  • हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को अंतरिम राहत देते हुए द वायर को बामनोली भूमि अधिग्रहण पर कथित मानहानिकारक लेख हटाने का निर्देश दिया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को समाचार पोर्टल 'द वायर' को शहर के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर कथित भूमि अधिग्रहण मामले में उनकी संलिप्तता के संबंध में आक्षेप लगाने वाले अपने लेख (Article) को हटाने का निर्देश दिया।

    जस्टिस सचिन दत्ता ने समाचार पोर्टल के खिलाफ कुमार के मुकदमे में उनके पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा दी।

    जस्टिस दत्ता ने आदेश सुनाते हुए कहा,

    "मैंने अंतरिम निषेधाज्ञा दी है। प्रतिवादी नंबर 1 और 2 (द वायर और संबंधित रिपोर्टर) को आर्टिकल हटाने का निर्देश दिया जाता है...।"

    अदालत ने इससे पहले अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाली कुमार की अर्जी पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

    यह मुकदमा "जमीन के अधिक मूल्यांकन मामले में लाभार्थी के परिवार से दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे के संबंध सवाल खड़े करते हैं" शीर्षक वाली समाचार रिपोर्ट के खिलाफ दायर किया गया है। यह स्टोरी 09 नवंबर को रिपोर्टर मीतू जैन द्वारा प्रकाशित की गई थी।

    कुमार ने अपने मुकदमे में आर्टिकल को हटाने के साथ-साथ समाचार पोर्टल और रिपोर्टर को उनके खिलाफ कोई और अपमानजनक आर्टिकल प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की।

    मामले में आरोप लगाया गया कि कुमार द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित शहर के बामनोली गांव में जमीन के टुकड़े के लिए "अत्यधिक मुआवजा अवार्ड" बढ़ाने में शामिल हैं।

    सीनियर वकील मनिंदर सिंह कुमार की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि यह आर्टिकल उनके खिलाफ लोगों को "सक्रिय" करने के लिए "पूर्व नियोजित" है।

    दूसरी ओर, न्यूज पोर्टल की ओर से पेश वकील सरीन नावेद ने कहा कि आर्टिकल के पीछे का इरादा, जिसने केवल कुछ सवाल उठाए हैं, किसी भी तरह से कुमार को बदनाम करना नहीं है।

    यह मुकदमा 13 नवंबर को कुमार द्वारा द वायर और रिपोर्टर को भेजे गए कानूनी नोटिस से संबंधित है। उक्त नोटिस में आरोप लगाया गया कि आर्टिकल की सामग्री प्रथम दृष्टया भ्रामक और मानहानिकारक है।

    कानूनी नोटिस में कहा गया,

    "उक्त लेख की सामग्री प्रथम दृष्टया भ्रामक और मानहानिकारक है, जहां आपने बामनोली गांव में लगभग 19 एकड़ भूमि के भूखंड के बढ़े हुए मूल्यांकन से संबंधित मुद्दे में मेरे क्लाइंट के बेटे के अस्पष्ट संबंध को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से चित्रित किया है, जिसे द्वारका एक्सप्रेसवे रोड प्रोजेक्ट के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए अधिग्रहित किया जा रहा है; मेरे क्लाइंट की अटूट और अयोग्य सत्यनिष्ठा और प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए गए।''

    हाल ही में दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने इस मुद्दे पर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपकर कुमार और अन्य सीनियर ब्यूरोक्रेट अश्विनी कुमार को तत्काल हटाने की सिफारिश की थी।

    यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी और कुमार को निलंबित करने की मांग की। हालांकि, एलजी ने यह कहते हुए रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि यह "पूरी तरह से पूर्वकल्पित धारणाओं और अनुमानों पर आधारित" प्रतीत होती है।

    केस टाइटल: नरेश कुमार बनाम द वायर और अन्य।

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