यदि जांच प्रक्रिया दहलीज़ पर हो तो अग्रिम जमानत याचिका से निपटने के दौरान एफआईआर दर्ज करने में देरी को ध्यान में नहीं रखा जा सकता : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

19 July 2022 12:14 PM GMT

  • यदि जांच प्रक्रिया दहलीज़ पर हो तो अग्रिम जमानत याचिका से निपटने के दौरान एफआईआर दर्ज करने में देरी को ध्यान में नहीं रखा जा सकता : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि एफआईआर दर्ज करने में देरी को अग्रिम जमानत पर विचार के दौरान ध्यान में नहीं रखा जा सकता, जबकि जांच प्रक्रिया अपने शुरुआती बिंदु (दहलीज़) पर हो।

    जस्टिस राजेश भारद्वाज की खंडपीठ ने मनिंदरपाल सिंह को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया , जिस पर आईपीसी की धारा 354, 354-ए, 354-डी और धारा 452 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    संक्षेप में मामला

    अभियोक्ता ने एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह पंजाबी यूनिवर्सिटी कॉलेज में बीए की छात्रा है। 1 अप्रैल 2021 को जब वह बस में चढ़ी तो आरोपी ने उसका हाथ पकड़ लिया और शोर मचाने पर वह मौके से फरार हो गया।

    घर लौटने पर उसने अपने माता-पिता को यह बात बताई और उनके विरोध पर आरोपी ने गांव के सम्मानित लोगों की उपस्थिति में माफी मांगी। इसके बाद जुलाई 2021 में जब वह घर पर अकेली थी तो आरोपी ने उसके घर में घुसकर उसे चूमने की कोशिश की। पीड़िता ने शोर मचाया और यह सुनकर आरोपी मौके से फरार हो गया।

    परिवार की इज्जत बचाने के लिए वह चुप रही। हालांकि, आरोपी ने अपने तरीके नहीं बदले और इसलिए, आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई।

    अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, बठिंडा ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद, उसने हाईकोर्ट का रुख किया।

    मामले के रिकॉर्ड को देखने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता द्वारा पीछा करने का विवरण दिया और उसने आरोप लगाया था कि उसने बार-बार शिकायतकर्ता की शील भंग की थी।

    अदालत ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता एक युवा कॉलेज जाने वाली लड़की है जिसका बार-बार याचिकाकर्ता द्वारा पीछा किया जा रहा है और इसलिए, अग्रिम जमानत के आवेदन पर विचार करते हुए एफआईआर दर्ज करने में देरी पर विचार नहीं किया जा सकता, जबकि जांच चल रही हो।

    इसके अलावा अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इस प्रकार सच्चाई को उजागर करने के लिए मामले की गहन और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, इसलिए यह मानते हुए कि याचिकाकर्ता अग्रिम जमानत देने के लिए किसी भी तरह की छूट का हकदार नहीं है, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

    केस टाइटल - मनिंदरपाल सिंह बनाम पंजाब राज्य

    साइटेशन :

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