COVID-19 प्रबंधन: राजस्थान हाईकोर्ट ने आम लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए वकीलों की राज्य और जिला स्तरीय कमेटी गठित की
LiveLaw News Network
30 April 2021 3:01 PM IST
राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार (28 अप्रैल) को राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए COVID-19 मरीजों की दुर्दशा और अस्पतालों में कमी से उत्पन्न स्थिति पर प्रकाश डालते हुए राजस्थान राज्य में बड़े पैमाने आम लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए राज्य और जिला स्तरीय समितियों का गठन किया है।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ ने इस उम्मीद के साथ विश्वास व्यक्त किया कि गठित समितियां भारतीय संघ और राजस्थान राज्य द्वारा राज्य के लोगों को प्रदान की जा रहीं चिकित्सकीय सुविधाओं में दोनों के प्रयासों को पूरा करेंगी।
राज्य की प्रस्तुतियां
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को वस्तुओं की आपूर्ति के लिए यथाशीघ्र आश्वासन दिया और कहा कि COVID19 उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए पहले से ही दरें निर्धारित की गई हैं। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में COVID-19 रोगी का उपचार किया जा रहा है।
यह भी प्रस्तुत किया गया कि न केवल मरीजों के उपचार के लिए राज्य में चिकित्सकीय बुनियादी ढांचे पर बहुत दबाव है बल्कि बढ़ते कोविड मामलों के कारण भी COVID-19 योद्धाओं और डॉक्टरों को इलाज करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अंत में यह आश्वासन दिया गया कि यदि जयपुर और जोधपुर में भवन को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा राज्य सरकार को सौंप दिया गया तो राज्य सरकार द्वारा जल्द से जल्द उचित चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान करने में समक्ष हो पाएगी।
राज्य द्वारा महत्वपूर्ण रूप से यह प्रस्तुत किया गया कि सरकारी अस्पतालों में अभी तक ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है और वर्तमान में राज्य में पर्याप्त दवाईयां उपलब्ध हैं।
कोर्ट ने प्रस्तुतियां सुनने के बाद एक राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समिति का गठन करने का फैसला किया। समिति का गठन निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा:
राज्य स्तरीय समिति:
1. अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान
2. महाधिवक्ता, राजस्थान राज्य
3. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल
4. राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जोधपुर / जयपुर के अध्यक्ष।
समिति का संयोजक राजस्थान स्टेट बार काउंसिल का सचिव होगा। उक्त समिति को जोधपुर / जयपुर स्टेट बार काउंसिल के कार्यालयों में इमरजेंसी असिस्टेंस सेल स्थापित करने के लिए निर्देशित किया गया है और हेल्प-डेस्क 24 घंटे कार्यरत होगा और हेल्पलाइन नंबर के संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में टेलीफोन / सेल नंबर प्रदान किए जाएंगे।
स्टेट बार काउंसिल को निर्देशित किया गया है कि वह ऐसे कई कार्मिकों की प्रतिनियुक्ति करने के लिए कदम उठाएं जैसे कि फोन उठाने के लिए जरूरी कार्मिक और यह भी निर्देशित किया गया कि इस तरह के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों को व्यापक रूप से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों में प्रचारित किया जाएगा जिससे लोगों को यह बताया जा सके कि वर्तमान महामारी की स्थिति के दौरान आपको ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और इसके साथ ही आत्मविश्वास जगाने के लिए जनता को जागरूक करना होगा।
समिति के कार्यालयों को नियमित रूप से सूचित करना होगा और राज्य द्वारा नियुक्ति नगर निकायों और स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करना होगा ताकि आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके जैसे कि एम्बुलेंस, अस्पताल में भर्ती और चिकित्सा देखभाल आदि जो समिति द्वारा संदर्भित लोगों को आवश्यक हो।
इसी प्रकार जिला स्तर की समितियों को जोधपुर और जयपुर को छोड़कर सभी जिला मुख्यालयों में गठित करने के लिए निर्देशित किया गया है और उक्त समितियों में निम्नलिखित शामिल होंगे:
1. सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
2. अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन
3. राजस्थान स्टेट बार काउंसिल के मनोनीत सदस्य
जिला स्तरीय समितियों को आवश्यक डीएलएसए कार्यालय में जिला स्तर पर हेल्प-डेस्क स्थापित करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्हें राज्य और नगरपालिका और स्वास्थ्य अधिकारियों के सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए भी निर्देशित किया गया है, जिन्हें वर्तमान महामारी के दौरान COVID रोगियों की देखभाल के लिए कर्तव्य के साथ निहित किया गया है। समितियों द्वारा भेजे गए अनुरोध पर तुरंत जवाब देने के लिए निर्देशित किया गया है। संदर्भित रोगियों के उपचार के संबंध में उठाए गए सभी कदमों का रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने अंत में कहा कि,
"हम आशा करते हैं और विश्वास रखते हैं कि हमारे द्वारा गठित समितियां राजस्थान राज्य में बड़े पैमाने पर COVID-19 महामारी के दौरान आम जनता को हो रही कठिनाइयों को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी और समस्य़ाओं से निपटने के उद्देश्य से राज्य द्वारा नियुक्त अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगी।"
राज्य स्तरीय समिति को सभी जिला स्तरीय समितियों से रिपोर्ट प्राप्त करने और कोर्ट के समक्ष ऐसी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को प्रतिदिन सभी जिला अस्पतालों / COVID-19 समर्पित केंद्रों की निगरानी रखने का निर्देश दिया ताकि दवाओं, ऑक्सीजन और इंजेक्शनों के संबंध में इन अस्पतालों की आवश्यकता को पूरा किया जा सके और इनका उचित उपयोग किया जा सके।