COVID-19: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी बेंच में कामकाज सीमित किया, एक सप्ताह तक केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई होगी

LiveLaw News Network

14 March 2020 4:18 PM GMT

  • COVID-19: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी बेंच में कामकाज सीमित किया, एक सप्ताह तक केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई होगी

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल बेंच में घातक नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप की आशंका के मद्देनज़र न्यायालय के कामकाज को सीमित मामलों की सुनवाई तक प्रतिबंधित कर दिया है और 16 मार्च, 2020 से शुरू होने वाले सप्ताह से नागपुर, औरंगाबाद और गोवा बेंच केवल जरूरी मामलों में की सुनवाई करेंगी।

    शनिवार को जारी सर्कुलर में भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने नोटिस में कहा कि

    "सभी बार संघों और अधिवक्ताओं से अपील की जाती है कि वे न्यायालय में वादियों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का प्रयास करेंगे और केवल उन मामलों में जहां उपस्थिति अपरिहार्य है, एक व्यक्ति को बुलाया जा सकता है।"

    हाईकोर्ट के अलावा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी ने मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर और अहमदनगर में अधीनस्थ अदालतों को भी निर्देश जारी किए हैं। कुछ निर्देश इस प्रकार हैं-

    1. न्यायालयों को पक्षकारों की उपस्थिति पर जोर नहीं देना चाहिए जब तक कि यह बहुत आवशयक न हो और भीड़ से बचने के लिए कोर्ट कॉम्प्लेक्स में वादियों और आम जनता के प्रवेश को विनियमित करने के लिए उचित उपाय करें।

    2. वकील अपने क्लाइंट को अदालत न आने की सलाह दे सकते हैं जब तक कि उनकी उपस्थिति अदालत द्वारा निर्देशित न हो या बहुत आवश्यक न हो।

    3. जब तक वर्तमान स्थिति बनी रहती है, तब तक उन मामलों में कोई प्रतिकूल / डिफ़ॉल्ट आदेश पारित नहीं किया जा सकता, जहां पक्षकार अनुपस्थित हों।

    4. आपराधिक मामलों में, अभियुक्त की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के अनुरोध को अनुकूल माना जाता है।

    5. साक्ष्य की रिकॉर्डिंग के प्रयोजनों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा को अधिकतम उपयोग में लाया जाए।

    6. जेलों से आने वाले कैदियों को पेश करने के बजाय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।




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