'बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई का महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा': एनएलएसआईयू के पूर्व छात्रों ने दोषियों को वापस जेल भेजने की मांग की

Brij Nandan

28 Sep 2022 4:14 AM GMT

  • बिलकिस बाने मामले में दोषियों की रिहाई

    बिलकिस बाने मामले में दोषियों की रिहाई

    बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) में दोषियों की सजा को माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले पर दुख व्यक्त करते हुए एक संयुक्त बयान में भारत के प्रीमियर लॉ स्कूल, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के कुल 157 पूर्व छात्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले में न्याय करे और दोषियों को वापस जेल भेजे।

    छात्रों ने यह भी कहा कि इस फैसले का न केवल बिलकिस बानो और उनके परिवार पर बल्कि देश की सभी महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ता है।

    उन्होंने बयान में कहा,

    "इस तरह की छूट और उसके बाद रिहाई के जश्न ने बिलकिस बानो पर की गई हिंसा और पीड़ा को कई गुना बढ़ा दिया गया है।"

    पूर्व छात्रों ने गुजरात सरकार से अपने फैसले में संशोधन करने की भी मांग की है और व्यापार, नागरिक समाज और शिक्षा जगत के जिम्मेदार नागरिकों से अपील की कि वे बिलकिस बानो को समर्थन करें कि हम बिलकिस के साथ खड़े हैं।

    उन्होंने कहा,

    "कानून के शासन के भविष्य और हमारी संवैधानिक नैतिकता को बनाए रखने के साथ समझौता किया गया है और इसे तत्काल ठीक करने की जरूरत है।"

    पूरा मामला

    यह अपराध गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के बीच हुआ था। बिलकिस बानो, जो उस समय लगभग 5 महीने की गर्भवती थी, के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी तीन साल की बेटी सहित उसके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या कर दी गई।

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2008 में मुकदमे को महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया। मुंबई की एक सत्र अदालत ने मामले में सजा सुनाई थी।

    15 अगस्त को, 11 दोषियों को 14 साल की सजा पूरी होने के बाद उन्हें छूट देने के गुजरात सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार जेल से रिहा कर दिया गया।

    अभी तक, राज्य सरकार द्वारा सजा की छूट को चुनौती देने वाली दो याचिकाएं हैं। पहला माकपा सांसद सुभासिनी अली, पत्रकार रेवती लौल और प्रो. रूप रेखा वर्मा द्वारा एडवोकेट अपर्णा भट के माध्यम से है। दूसरी याचिका टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दायर की है।

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